सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के सामने करेगी प्रदर्शन करेगी भाजपा

सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के सामने करेगी प्रदर्शन करेगी भाजपा
WhatsApp Channel Join Now
सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के सामने करेगी प्रदर्शन करेगी भाजपा


नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली भाजपा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय के सामने 30 नवंबर को प्रदर्शन करेगी।

मंगलवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने संवाददाता सम्मेलन में यहां आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड को अरविंद केजरीवाल ने लूट का अड्डा बना लिया है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने एसटीपी प्लांट के नाम पर एक और घोटाले को अंजाम दिया है और इसमें एक बार फिर से हैदराबाद की कंपनी का नाम आया है। हैदराबाद की कंपनी से जुड़े तार को उजागर करना चाहिए।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि जिस कंपनी को यह काम दिया गया वह ऐसे सर्टिफिकेट पर दिया गया, जो टेंडर की पात्रता को पूरा नहीं करता। 1300 करोड़ रुपये के ठेके को 1900 करोड़ रुपये तक ले जाया गया। यह पहला ऐसा टेंडर है, जहां रेट कम करवाने की जगह बढ़ा कर दिया गया। जल बोर्ड में जो हुआ है, बिलकुल वही कहानी शराब घोटाले में भी हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा होनी चाहिए।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में हुए 1938 करोड़ के नए घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और दिल्ली जल बोर्ड में विधायक सदस्य लिप्त हैं। इस घोटाले के तार दिल्ली के शराब घोटाले से जुड़ रहे हैं। जिन ठेकेदारों को जो कार्य दिए गए, वे दक्षिण भारत की शराब लॉबी द्वारा प्रायोजित हैं। उन्हें सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर बिना किसी अनुभव के ही निलोठी, कोरोनेशन पिलर, पप्पनकलां, नरेला, रोहिणी, केशोपुर और नजफगढ़ में एसटीपी के अपग्रेडेशन के कार्य के ठेके दे दिए गए। इन कार्यों की अनुमानित लागत 1546 करोड़ रुपये थी। इसके बावजूद बोर्ड ने ये टेंडर 1938 करोड़ रुपये में दे दिया। इस काम की मंजूरी दिल्ली जल बोर्ड की 1 जुलाई 2022 को हुई मीटिंग में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष मनीष सिसोदिया द्वारा दी गई थी।

दिल्ली भाजपा की कानूनी प्रकोष्ठ की सह संयोजक बांसुरी स्वराज ने कहा कि आम आदमी पार्टी के चुंनिंदा बिडर्स को टेंडर बिड के लिए बुलाया गया और 1 दिसंबर, 2021 की मीटिंग में केजरीवाल सरकार के मंत्री ने खुद ही तय कर दिया कि सिर्फ आई.एफ.एफ.एस. टेक्नोलॉजी की बात कही गई जबकि जो अवधि थी वह भी सिर्फ 11 महीनों की थी। उन्होंने कहा कि इसमें किक बैक की संभावना पूरी है तो इसकी सीबीआई से जांच होनी जरूरी है। यमुना की मलिनता का बहाना बनाकर केजरीवाल सरकार ने अपने एसटीपी प्लांट के कारनामे को अंजाम दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story