'मंत्री से बिना सुझाव लिए एलजी के अधिकार क्षेत्र में भ्रष्ट अफसर को बनाया आशा किरण आश्रय गृह का प्रशासक'

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'मंत्री से बिना सुझाव लिए एलजी के अधिकार क्षेत्र में भ्रष्ट अफसर को बनाया आशा किरण आश्रय गृह का प्रशासक'


'मंत्री से बिना सुझाव लिए एलजी के अधिकार क्षेत्र में भ्रष्ट अफसर को बनाया आशा किरण आश्रय गृह का प्रशासक'


नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने आशा किरण आश्रय गृह को लेकर सोमवार को बड़ा खुलासा किया है। पिछले कुछ दिनों में आश्रय गृह में रहने वाले कई लोगों की हुई मौतों की जांच कर रही याचिका समिति का कहना है कि उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के अधीन ही दिल्ली सरकार के मंत्री से बिना सुझाव लिए ही एक भ्रष्ट अफसर को आशा किरण आश्रय गृह का प्रशासक नियुक्त कर दिया।

समिति के चेयरमैन कुलदीप कुमार ने एलजी ऑफिस के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि आशा किरण आश्रय गृह के अधिकारियों की नियुक्ति साल 2020 में हुई थी। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया है कि मई 2022 में वीके सक्सेना दिल्ली के एलजी बने थे और 04 अक्टूबर 2022 को उन्होंने रिश्वत लेने के मामले में 5 साल तक निलंबित रहे अफसर को इस होम का प्रशासक बनाया। याचिका समिति आशा किरण आश्रय गृह में खाली पदों को तत्काल भरने और उसमें हुई मौतों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एलजी साहब को पत्र लिखेगी।

कुलदीप कुमार ने बताया कि हमें अफसरों से पता चला है कि आशा किरण आश्रय गृह में स्टाफ की भारी कमी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने एलजी पदों की भर्तियों के लिए लगातार एलजी को पत्र लिखा है कि वे दिल्ली के अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिक और आश्रय गृह में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ और एएनएम की तुरंत भर्ती करें। लेकिन एलजी ने आज तक कोई नियुक्ति नहीं की। दिल्ली में आज कई डॉक्टर्स, एनओ, हाउस आंटी, नर्सिंग ऑफिसर, एएनएम, किचन हेल्पर, कुक, वॉशरमैन, मेडिकल स्पेशलिस्ट, जीडीएमओ, जूनियर स्पेशलिस्ट, ड्रेसर समेत कई पद खाली पड़े हैं। हमारी मांग है कि एलजी साहब तुरंत इन पदों को भरें।

कुलदीप कुमार ने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति एलजी को पत्र लिखेगी कि वे तत्काल प्रभाव से इन खाली पदों को भरने का काम करें। एलजी को यह भी बताना होगा कि इस घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी उन्होंने उस विभाग के अधिकारियों के ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? वे उन अधिकारियों को बचाने का काम क्यों कर रहे हैं? याचिका समिति की मांग है कि वे तुरंत इन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें, जिनकी लापरवाही के कारण ये मौतें हुई हैं।

कुलदीप कुमार ने बताया कि याचिका समिति के संज्ञान में यह भी सामने आया है कि इस आश्रय गृह में लगभग 33 एएनएम और 2 जीडीएमओ के ऐसे पद हैं, जिनका मार्च और अप्रैल से कॉन्ट्रेक्ट रीन्यू नहीं किया गया है। इसलिए उन लोगों की 6 महीने की सैलरी तुरंत जारी की जाए और उनका कॉन्ट्रेक्ट रीन्यू किया जाए। क्योंकि एएनएम वहां लोगों की देखभाल करती हैं। इसलिए एलजी को तुरंत उनकी सैलरी जारी करनी चाहिए। हम एलजी को इसके लिए पत्र लिखेंगे, ताकि वे जल्द इस पदों को भरने का काम करें।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी / रामानुज

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