इंडी अलायंस की सरकार दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्राथमिकता से काम करेगी : जयराम रमेश

इंडी अलायंस की सरकार दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्राथमिकता से काम करेगी : जयराम रमेश
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इंडी अलायंस की सरकार दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्राथमिकता से काम करेगी : जयराम रमेश


इंडी अलायंस की सरकार दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्राथमिकता से काम करेगी : जयराम रमेश


नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पर्यावरण प्रदूषण को दिल्ली सहित पूरे देश के लिए अहम मुद्दा बताते हुए कहा कि इंडी गठबंधन की सरकार दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्राथमिकता से काम करेगी और तय समय सीमा के अंदर फर्क दिखाएगी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में चार चरणों का चुनाव हो चुका है और आने वाली 25 मई को दिल्ली में चुनाव होने वाला है। उन्होंने कहा कि इन चार चरणों के बाद यह साफ हो गया है कि इस बार इंडी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडी गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है और उसकी प्राथमिकता राष्ट्रीय राजधानी में वायु और यमुना नदी में प्रदूषण सहित पांच पर्यावरणीय मुद्दों पर काम करना होगा। इसमें वायु प्रदूषण, अरावली का वनीकरण, यमुना एक्शन प्लान को पुनर्जीवित करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि देश में पर्यावरण एक बहुत जरूरी मुद्दा है। यह किसी विशेष व्यक्ति या समुदाय की बात नहीं है बल्कि यह हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात है। दिल्ली के चुनाव में पर्यावरण एक विशेष स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण के लिए केंद्र सरकार प्राथमिक रूप से जिम्मेदार है, क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आसपास के अलग-अलग राज्यों से भी जुड़ी हुई है। आज सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है।

पर्यावरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यदि आप दुनिया भर के महानगरों को देखें तो दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में से एक होगा। दिल्ली के आसपास 11 बिजली स्टेशन हैं, जो कोयला उपयोग करते हैं। 2009 में सारे बिजली स्टेशनों के लिए वायु प्रदूषण मानक तय किए गए थे, जो इसको लागू नहीं करते थे, उसे बंद करा दिया जाता था। आज असलियत यह है कि 11 बिजली स्टेशनों में से 9 में किसी न किसी तरह मानकों का उल्लंघन हुआ है। मोदी सरकार ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कह रही है कि 2027 तक प्रदूषण के मानकों का पालन किया जा सकता है। दिल्ली के आसपास के 11 बिजली स्टेशनों की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, जिनमें मानकों का लगातार उल्लंघन होता रहा है। इसका नतीजा सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पड़ा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल

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