मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सोलर पॉलिसी के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की

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मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सोलर पॉलिसी के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की


मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सोलर पॉलिसी के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की


नई दिल्ली, 08 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को बिजली विभाग और दिल्ली के तीनों बिजली कंपनियों के उच्चाधिकारियों के साथ 'दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023' के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत रूफटॉप सोलर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को उनकी जनरेशन बेस्ड इंसेंटिव और कैपिटल सब्सिडी महीनेभर में जारी की जाए। साथ ही आतिशी ने निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के गाइडलाइंस भी एक हफ्ते में जारी की जाए।

आतिशी ने कहा कि दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार के दो लक्ष्य हैं। पहला, दिल्ली को पूरे भारत में सौर ऊर्जा अपनाने के मामले में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है। जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। दूसरा, गैर-सब्सिडी वाले आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को जीरो और कमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिजली का बिल 50 फीसद तक कम करना है। इसके अलावा, मार्च 2027 तक दिल्ली की कुल स्थापित सौर क्षमता को मौजूदा क्षमता 1500 मेगावाट से तीन गुना बढ़ाकर 4,500 मेगावाट करना है। इससे 2027 तक दिल्ली की बिजली खपत का लगभग 20 फीसद सौर ऊर्जा से आएगा, जो भारत में सबसे अधिक होगा।

दिल्ली सोलर पॉलिसी के लाभ

दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023 के तहत जो लोग अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाएंगे, उनका बिजली का बिल जीरो हो जाएगा। दिल्ली सरकार पहले से ही हर परिवार को 200 यूनिट बिजली फ्री देती है। इनका बिल जीरो आता है। वहीं, 201 से 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर आधा बिल आता है और 400 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर पूरा बिल आता है। इस पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर 400 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वालो का भी बिजली का बिल जीरो हो जाएगा। दिल्ली सोलर पॉलिसी के तहत सभी आवासीय सेक्टर के लोगों का बिजली बिल जीरो हो सकता है। चाहे आप 800, 1000 या 2000 यूनिट बिजली इस्तेमाल करें, बिल जीरो आएगा।

ऐसे होगा आपका बिल जीरो और अतिरिक्त कमाई

पॉलिसी के तहत सोलर पैनल में जितना पैसा खर्च होगा, वो अगले चार साल के अंदर रिकवर हो जाएगा। क्योंकि सरकार ने कई सब्सिडी का प्रावधान किया है। मसलन, आवासीय क्षेत्र में कोई उपभोक्ता 360 यूनिट बिजली इस्तेमाल कर रहा है, तो वो 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है और उसका बिजली का बिल आधा आ रहा है। अगर वो उपभोक्ता दो किलोवॉट का रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाता है तो उसे लगाने में 90 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसके बाद उस उपभोक्ता का बिजली का बिल जीरो आने लगेगा और उसका हर महीने 1370 रुपए बचने लगेंगे। इसके अलावा, दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपए जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) देगी। इससे उस उपभोक्ता की 700 रुपए हर महीने अतिरिक्त आमदनी होने लगेगी। दोनों को मिलाकर उस उपभोक्ता की हर महीने करीब 2000 रुपए की बचत होगी। इस तरह साल भर में 24 हजार रुपए बचेंगे और 4 साल के अंदर 90 हजार रुपए का निवेश रिकवर हो जाएगा। सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं। इसलिए सोलर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी।

सरकार पांच साल तक देगी इंसेंटिव

दिल्ली सरकार सोलर पॉलिसी के अंतर्गत 5 तरह के वित्तीय लाभ देगी। अगर आप 3 किलोवॉट क्षमता का सोलर पैनल लगवाते हैं तो उससे पैदा होने वाली बिजली पर दिल्ली सरकार आपके बैंक खाते में 3 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से जमा करेगी। अगर 3 से 10 किलोवॉट क्षमता के सोलर पैनल लगवाते हैं तो 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से पैसा जमा कराया जाएगा। दिल्ली सरकार पांच साल तक यह जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव(GBI) देती रहेगी। पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ही सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दे रही है। दिल्ली के अलावा किसी और राज्य की सरकार नहीं दे रही है।

कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं का हो जाएगा आधा बिल

दिल्ली सोलर पॉलिसी का फायदा आवासीय सेक्टर के अलावा कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। इस पॉलिसी के तहत कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ता सोलर पैनल लगवाते हैं तो उनके बिजली का बिल आधा (50 फीसद कम) हो जाएगा। क्योंकि कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को भी पांच साल तक एक रुपये प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाएगा। इस तरह दिल्ली के अंदर सभी आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली का बिल जीरो हो जाएगा। कमर्शियल और इंडस्ट्रीय उपभोक्ताओं का वर्तमान में जितना बिल आ रहा है, पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर उसका आधा बिल हो जाएगा। इसके अलावा, नई पॉलिसी के तहत सोलर पैनल लगवाने पर ग्रुप हाउसिंग सोसायटीज और रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन को पांच साल तक 2 रुपये प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाएगा।

साथ ही इस पॉलिसी में उपभोक्ताओं को कैपिटल सब्सिडी(पूंजी सब्सिडी) भी मिलती है। इसके तहत दिल्ली सरकार आवासीय उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट स्थापना 2 हजार रुपये की पूंजी सब्सिडी देती है, जो हर उपभोक्ता के लिए अधिकतम 10 हजार रुपये तक होती है। यह केंद्र सरकार की पूंजी सब्सिडी से अधिक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी

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