(अपडेट) केंद्र में बैठी भाजपा संघीय ढांचे को खत्म करना चाहती है- मुख्यमंत्री

(अपडेट) केंद्र में बैठी भाजपा संघीय ढांचे को खत्म करना चाहती है- मुख्यमंत्री
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(अपडेट) केंद्र में बैठी भाजपा संघीय ढांचे को खत्म करना चाहती है- मुख्यमंत्री


नई दिल्ली, 8 फरवरी (हि.स.)। देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धरने में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हुए। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि देश का संघीय ढांचा हमारे संविधान और लोकतंत्र का आधार है, लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा इसे ख़त्म करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि देश के आधे राज्यों मे विपक्ष की सरकारें हैं, जिन्हें केंद्र सरकार काम नहीं करने दे रही है। केंद्र इन राज्यों का जायज फंड नहीं दे रहा है, राज्यपालों- उपराज्यपालों के जरिए हर काम में टांग अड़ा रही और जांच एजेंसियों को भेज कर किसी को भी जेल में डाल दे रही है। इन्होंने पीएमएलए के तहत हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया है, जबकि अभी न जांच शुरू हुई है और न आरोप साबित हुआ है।

इस तरह तो ये मुझे या किसी को भी जेल में डाल देंगे और निर्दोष साबित होने से पहले वो बाहर नहीं आ सकेगा। इसलिए देश की जनता तय करे कि लोगों को मुफ्त सुविधाएं देने वाला भ्रष्टाचारी है या सबकुछ महंगा करने वाला भ्रष्टाचारी है।

आगे उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर वह जगह है, जहां देश की जनता सरकारों के उत्पीड़न से तंग आकर धरने-प्रदर्शन करने आती है। केंद्र सरकार के ज्यादती के खिलाफ आज यहां केरल के मुख्यमंत्री को सारा काम छोड़कर जंतर-मंतर पर धरना करने आना पड़ा है। देश को यह दिन भी देखना था। आज देश के लगभग आधे राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं और आधे राज्यों के अंदर उन लोगों की सरकारें हैं।

विपक्ष की सरकारें देश के करीब 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अर्थात आधे देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस वक्त ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने विपक्ष की सरकारों के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है। हम लोगों के साथ हिन्दुस्तान-पाकिस्तान कर रखा है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या आप 70 करोड़ लोगों को अपना नहीं मानते हैं, क्या आप केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के लोगों को अपना नहीं मानते हैं, क्या ये सारे लोग पराए हैं, क्या ये भारत के नागरिक नहीं हैं। इन राज्यों के लोगों ने विपक्ष को चुनकर अपनी सरकार बनाई है। संविधान के अंदर इन सरकारों के अधिकारों और शक्तियों के बारे में स्पष्ट लिखा है, लेकिन केंद्र सरकार विपक्ष की सरकारों को अपना काम ही नहीं करने दे रही है। केंद्र सरकार विपक्ष की सारी सरकारों को प्रतड़ित करने के लिए सारे हथकंडे अपना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटे तौर पर केंद्र सरकार तीन तरह से विपक्ष की सरकारों को तंग कर रही है। पहला, देश के जिन राज्यों मे विपक्ष की सरकारें हैं, उन राज्यों को उसका जायज फंड नहीं दे रही है। केंद्र से ये फंड लेने का सभी राज्यों को हक है। दूसरा, केंद्र सरकार राज्यपाल और उपराज्यपाल के जरिए विपक्षी दलों की सरकारों के काम में रोज टांग अड़ाती है। तीसरा, एजेंसियों को भेज कर किसी को भी पकड़कर जेल में डाले जा रहे हैं।

केजरीवाल ने केंद्र से राज्यों को जायज फंड न मिलने पर कहा कि रोज हम सभी इस बात को झेल रहे हैं कि केंद्र सरकार से जो जायज फंड हमारे राज्य के बनते हैं, वो फंड हमें नहीं दिए जा रहे हैं। हमारे राज्य को फंड नहीं दिए जाएंगे तो काम कैसे चलेंगे, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब की सरकारें कैसे चलेगी? हम यहां केंद्र सरकार से भीख मांगने नहीं आए हैं, अपने घर-अपने परिवार के लिए पैसे मांगने नहीं आए हैं।

हम सभी लोग अपने राज्य की जनता के लिए पैसे मांगने आए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अपने लोगों के लिए फंड मांगने आए हैं, मैं अपने दिल्ली के डेढ़ करोड़ लोगों का हक मांगने के लिए आया हूं। संविधान में लिखा है कि कितना पैसा किस सरकार को मिलेगा? केरल, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के लोगों को जो संवैधानिक हक है, केंद्र सरकार उसे कैसे छीन सकती है, उन राज्यों के लोगों का काम कैसे रोक सकते हैं? अगर केंद्र सरकार राज्यों को उनका जायज फंड नहीं देगी, तो हम सड़कें कैसे बनाएंगे, बिजली कैसे देंगे, लोगों को विकास कैसे करेंगे। केंद्र सरकार ने केरल के 8400 करोड़ रुपये रोक रखे है। पंजाब के 8 हजार करोड़ से अधिक का फंड रोका है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ईडी अब एक नया हथियार बन गया है। अभी तक देश के अंदर यह कानून था कि अगर आपने कोई अपराध किया है तो उसकी जांच होती थी, फिर मुकदमा चलता था। मुकदमे में तय होता था कि कौन-कौन दोषी और निर्दोष है। दोषी को सजा मिलती थी और वो जेल जाता था। मुकदमा खत्म होने के बाद कोई जेल जाता था, जब उसे दोषी माना जाता था। लेकिन अब ये लोग तय कर लेते हैं कि किसको जेल भेजना है।

केजरीवाल ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत इन्होंने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया। अभी तक उनके ऊपर कुछ भी साबित नहीं हुआ है, अभी उनके ऊपर मुकदमा नहीं चला है। अभी तो मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ है, जांच चल रही है। लेकिन अगर उनके मुकदमें को पूरा होने में 15 साल लग गए तो हेमंत सोरेन 15 साल जेल में रहेंगे। ऐसे तो कल मुझे भी पकड़ कर जेल में डाल देंगे, विजयन, स्टालिन साहब को पकड़कर जेल में डाल देंगे। ये किसी को भी पकड़ कर जेल में डाल देंगे और उसकी सरकार गिरा देंगे।

केजरीवाल ने कहा कि ये लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल भ्रष्ट है। मैंने दिल्ली में बिजली फ्री कर दी है। पूरे देश में सबसे महंगी बिजली मध्यप्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में मिल रही है। वह पूछना चाहते है कि बिजली फ्री करने वाला चोर है या बिजली महंगी करने वाला चोर है।

दिल्ली में हमने अमीर-गरीब सबका सरकारी अस्पतालों मे इलाज मुफ्त कर दिया, लेकिन इन लोगों ने मध्यप्रदेश, गुजरात और उप्र में सरकारी अस्पतालों का बेड़ा गर्क कर दिया। जनता तय करे कि लोगों का इलाज फ्री करने वाला चोर है या इलाज महंगा करने वाला चोर है।

इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। हम हर साल 182 लाख मीट्रिक टन चावल उगाकर देश को देते हैं। इन लोगों ने हमारा ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) का 5500 करोड़ रुपये का रोक रखा है।

इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। हमारे राज्यपाल ने सदन के सत्र को ही अवैध ठहरा दिया। इसके बाद हमें अपना सत्र बीच में ही बंद करके सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। वहां जाकर वो पहली पेशी में ही मान गए कि सदन का सत्र वैध हैं। आप सत्र शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में 117 विधानसभा सीटों पर 92 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं, जबकि भाजपा के केवल दो हैं। पंजाब में भाजपा विपक्ष में भी नहीं है, लेकिन वहां राज्यपाल ही रोज कोई न कोई चिट्ठी निकाल देते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/अनूप

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