दिल्ली जल बोर्ड बना अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का पर्याय : मनोज तिवारी
नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने आज कहा कि दिल्ली जल बोर्ड अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है। उन्होंने इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की।
बुधवार को दिल्ली भाजपा के मंत्री हरीश खुराना एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की उपस्थिति में पत्रकार वार्ता में मनोज तिवारी ने कहा कि 1998 में दिल्ली जल बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य था कि यह बोर्ड स्वयं अपना मूलभूत ढांचा तैयार करेगा और अपने राजस्व से अपने खर्चे चलाएगा। दिल्ली सरकार इसको केवल बड़े योजना मद के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि यह खेद का विषय है कि 1999 से 2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के संसाधनों की लूट मचाई और जल बोर्ड को टैंकर माफिया के सामने गिरवी रख दिया, जिसके परिणाम स्वरूप 2013-14 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की देनदारी खड़ी हो गई। साल 2015 में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने 14 लाख घरों को नल से जल देने का सपना दिखाया और फिर 2020 में हर घर को जल देने का सपना दिखाया परन्तु दिल्ली की जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया। 2013-14 में दिल्ली में 850 एमजीडी पानी उपलब्ध था। राष्ट्रपति शासन के दौरान 2014 में ओखला में 100 एमजीडी पानी का प्लांट लगा, जिसके बाद दिल्ली में 950 एमजीडी पेय जल की उपलब्धता बनी।
सांसद तिवारी ने कहा कि हर घर को पानी देने का सपना दिखाने वाली केजरीवाल सरकार ने जनता को किस तरह धोखा दिया है, इसका एक प्रमाण है कि आज दिल्ली में 1350 एमजीडी पेय जल की आवश्यकता है जबकि उपलब्धता मात्र 950 एमजीडी की है। यह अत्यंत दुखद है कि लगभग 9 वर्ष के शासन में केजरीवाल ने पेय जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
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