तिहाड़ जेल में 1200 कैदियों को जीवन में नई शुरूआत करने के लिए एक और पहल
नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। तिहाड़ जेल में 1200 कैदियों को जीवन में नई शुरुआत करने और समाज में फिर से शामिल होने की आशा की किरण जगी है। असल में कैदियों के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र की पहली साझेदारी में मैक्स हेल्थकेयर ने तिहाड़ जेल के साथ साझेदारी की है। साझेदारी का उद्देश्य तिहाड़ जेल के पुनर्वास कार्यक्रम को मजबूत करना है जो अपराध की पुनरावृत्ति को कम करने और समुदायों को सुरक्षित बनाने का प्रयास करता है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि इसी साल फरवरी महीने में तिहाड़ जेल में कौशल प्रशिक्षण की पहल शुरू हुई थी। भारत में कहीं भी अपनी तरह की सबसे बड़ी सुधारात्मक पहल है। यह शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार और मिशन कन्वर्जेंस के संयुक्त सहयोग के रूप में शुरू की गई थी।
मैक्स हेल्थकेयर की तिहाड़ जेल के साथ पहली और सबसे बड़ी कॉर्पोरेट क्षेत्र की साझेदारी है जिसका उद्देश्य 1200 कैदियों के लिए सुधारात्मक सुधार यात्रा को आगे बढ़ाना है जो शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और थेरेपी पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके साथ ही अपराध दर को कम किया जा सके और समाज में सफल पुन:प्रवेश को बढ़ावा दिया जा सके। सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद, आतिथ्य क्षेत्र के तहत कौशल प्रशिक्षण के लिए नौकरी की भूमिका को खाद्य एवं पेय प्रबंधक के रूप में पहचाना गया है।
यह विकल्प नौकरी बाजार के अवसरों, प्रशिक्षण अनुकूलन में आसानी और आतिथ्य क्षेत्र के भीतर फिट होने से प्रेरित है जो समाज में पुन: एकीकरण को आसान बनाता है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले जेल के कैदी होंगे जो छोटे अपराधों के लिए विचाराधीन कैदी हैं।
जेल के महानिदेशक संजय बैनीवाल ने बताया कि भारत में अब तक के सबसे अनूठे और सबसे बड़े सुधारात्मक सुधार कार्यक्रमों में से एक में हमारे भागीदार के रूप में मैक्स हेल्थकेयर के शामिल होने से हमें खुशी है। हमने इस वर्ष फरवरी में इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इस तरह की पहल से उन कैदियों के दिलों में नई जान फूंक दी है, जो अब तक निराशा और हताशा महसूस कर रहे थे।
मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अभय सोई ने बताया कि हमें भारत में जेल के कैदियों के लिए अब तक के सबसे बड़े कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में तिहाड़ जेल के साथ साझेदारी करने में सक्षम होने पर खुशी है। हमें उम्मीद है कि इससे वे रिहाई के बाद उत्पादक जीवन जीने में सक्षम होंगे और समाज को बेहतर, सुरक्षित बनाने में योगदान देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी/प्रभात
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