एल्युमिनियम बर्तन उद्योग भारतीय घरेलू अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा : रेखा गुप्ता
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सहयोगी संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एल्युमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर्स (एफएआईएयूएम) की नेशनल गवर्निंग काउंसिल (एनजीसी) का आयोजन आज नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस राष्ट्रीय बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में और भाजपा सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस राउंड टेबल राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के 25 राज्यों के व्यापारी नेता मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि एल्युमिनियम बर्तन उद्योग भारतीय घरेलू अर्थव्यवस्था और आम नागरिक के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने इसे किफायती, टिकाऊ, ऊर्जा-कुशल एवं 100 प्रतिशत पुनर्चक्रण योग्य उद्योग बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत और सर्कुलर इकोनॉमी के लक्ष्यों के पूर्णतः अनुरूप है। उन्होंने कहा की यह बर्तन दादी-नानी के जमाने से उपयोग में लाए जा रहे हैं और हमेशा महत्वपूर्ण बने रहे गए।
उन्होंने उद्योग से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की और आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार एमएसएमई और स्वदेशी विनिर्माण को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि एल्युमिनियम बर्तन उद्योग विकसित भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का एल्युमिनियम उद्योग तेजी से आगे बढ़ा है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र को लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग भारत की सर्कुलर इकोनॉमी की रीढ़ है, क्योंकि एल्युमिनियम ऐसा धातु है जो लगभग पूरी तरह से रीसाइक्लिंग को समर्थन देता है।
उन्होंने उद्योग को मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल अभियानों का सशक्त आधार बताते हुए गुणवत्ता, मानकीकरण, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर निरंतर ध्यान देने का आह्वान किया।
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृज मोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एल्युमिनियम बर्तन उद्योग 100 प्रतिशत मेक इन इंडिया होने के बावजूद अनेक नीतिगत और व्यावहारिक समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने बताया कि फेडरेशन वर्ष 1991 से निरंतर कार्यरत है और आज देशभर में इसके लगभग 4,000 विनिर्माण यूनिट्स हैं, जो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं।
कार्यक्रम के अंत में फेडरेशन ने केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ निरंतर संवाद, नीति-समर्थन और उद्योग के संतुलित विकास के लिए मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

