कोरबा : शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पल्स पोलियो अभियान का सफल क्रियान्वयन
कोरबा, 21 दिसंबर (हि. स.)। भारत सरकार के राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत पल्स पोलियो टीकाकरण के प्रथम चरण का आयोजन आज रविवार को जिले भर में किया गया। इस दौरान 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। अभियान के क्रियान्वयन में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं नर्सिंग छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही। जिले के प्रमुख स्थानों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अभियान का संचालन किया। बीते कुछ दिनों से अभियान को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, जिससे लोगों में जागरूकता बनी और अभिभावक अपने बच्चों को टीकाकरण के लिए स्वयं आगे आए। अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पहले से ही पोलियो ड्रॉप की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
सुबह 8 बजे से जिले के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों, आंगनबाड़ी केंद्रों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सामुदायिक भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पोलियो बूथ लगाए गए। मैदानी अमले ने प्रत्येक बूथ पर बच्चों को दवा पिलाई, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए। शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक अभियान को लेकर खासा उत्साह देखा गया। अभिभावकों ने बड़ी संख्या में अपने बच्चों को बूथ तक पहुंचाकर अभियान का लाभ लिया।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में आज की तारीख में 5 वर्ष तक के कुल 1 लाख 72 हजार 423 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यदि किसी कारणवश कुछ बच्चे आज छूट जाते हैं, तो उन्हें आगामी दो दिनों में घर-घर जाकर पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी।
देवांगनपारा वार्ड क्रमांक 5 स्थित एक बूथ पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाजवंती दीवान, मितानिन कृष्णा देवांगन, एएनएम सुधा बंसोड़, नर्सिंग छात्रा नमिता यादव एवं आशा मिंज द्वारा बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई।
अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में कुल 3840 मानव संसाधनों की सेवाएं ली गईं। प्रत्येक बूथ पर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही कुछ सामाजिक संगठनों ने भी सहभागिता निभाते हुए स्वास्थ्य विभाग को सहयोग प्रदान किया।
जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. पुष्पेश कुमार ने बताया कि, वर्ष 2011 के बाद भारत में पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जो देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में लगातार पोलियो के नए मामले सामने आ रहे हैं, इसी को देखते हुए भारत में सतर्कता बरती जा रही है। इसी कारण हर वर्ष पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर दिया जाता है, ताकि देश को पोलियो मुक्त बनाए रखने का लक्ष्य बरकरार रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी
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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

