जगदलपुर : कांगेरघाटी में वन्य प्राणी संरक्षण व अग्नि सुरक्षा पर हुई कार्यशाला
जगदलपुर, 17 फरवरी (हि.स.)। जिले के कुटुमसर ग्राम में वन्य प्राणी संरक्षण और अग्नि सुरक्षा के संबंध में आज शनिवार को कार्यशाला आयोजित किया गया, जिसमें विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, ईको विकास समिति के सदस्य, ग्राम के सरपंच उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में कांगेर घाटी व उनके आस-पास के वन क्षेत्र में जंगल को आग से बचाने एवं वन्यजीवों के संरक्षण पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला में 20 ईको विकास समिति के 100 से अधिक सदस्य शामिल हुए। कार्यशाला में अग्नि प्रबंधन हेतु विगत वर्ष में समितियों द्वारा क्या कार्य योजना तैयार किया गया था,और इस वर्ष किस प्रकार कार्य करेंगे, इस संबंध में अपना विचार रखे।
कामानार समिति के सदस्यों ने बताया कि अग्नि प्रबंधन के लिए उन्होंने इनाम रखा था, इस प्रकार नागलसर समिति से बुधरू व सोमा बघेल ने बताया कि उनकी गांव में गश्ती दल तैयार किए गए थे, जो बारी-बारी से जंगल का भ्रमण कर आग से बचाने का कार्य करते थे। समय-समय पर दल के द्वारा मीटिंग भी ली जाती थी। समुदाय व समिति के प्रतिनिधियों के द्वारा निर्णय लिया गया कि विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी जंगल में आग नही लगने देंगे और सभी गांव में गस्ती दल बना कर कार्य योजना तैयार करेंगे।
कांगेरघाटी के निदेशक धम्मशील गणवीर ने कहा कि पिछले वर्ष 08 समितियां ने जिसमें कोलेंग, टोपर, गोपापदर, गुडिय़ापदर, नागलसर, मांझीपाल, कोटमसर और तीरथगढ़ क्षेत्र के जंगलों में आग नही लगने दी थी। राष्ट्रीय उद्यान में पिछले वर्ष कुल 25 अग्नि की घटनाएं हुई थी। इस वर्ष भी अग्नि प्रंबधन हेतु ग्राम के ईको विकास समितियां के साथ मिलकर राष्ट्रीय उद्यान में आग न लगे इस संबध में प्रयास किए जा रहे है। साथ ही साथ एक विकास समितियां के सदस्यों को फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया के फायर अलर्ट सिस्टम में जोड़ा जा रहा है ताकि यदि उनके वन क्षेत्र में आग लगती है तो तत्काल उनके मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे
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