जगदलपुर : नक्सल मुक्त करने व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म की हुई तैनाती
जगदलपुर, 05 फरवरी (हि.स.)। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों के एक बड़ा हिस्से में कैंपों की मौजूदगी से बस्तर का एक बड़ा हिस्सा नक्सल मुक्त हो गया है, जिसका दावा पुलिस, शासन-प्रशासन करता है। छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार बस्तर को नक्सल मुक्त करने के लिए सुरक्षा बलों के कैंप का विस्तार नक्सलियों के कोर इलाकों तक सिमटे नक्सल गढ़ को भेदने के लिए बड़ी तेज गति के साथ नये कैंप स्थापित कर रही है।
नक्सलियों के कोर इलाकों में खोले जा रहे नये कैंप में अब अत्याधुनिक हथियारों के साथ संशाधन भी बढ़ाते हुए बुलेट प्रुफ वाहन व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो नक्सलियों के लिए काफी घातक साबित होने वाले हैं। हालांकि बुलेट प्रुफ वाहन कुछ महीने पहले ही बस्तर में तैनात किए गए हैं। लेकिन बीते 30 जनवरी को टेकलगुड़ेम में हुए नक्सली हमले के दौरान यह बुलेट प्रुफ वाहन नक्सलियों के लिए काफी घातक साबित हुए और करीब 15 जवानों की इस वाहन के माध्यम से जान भी बची है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बस्तर संभाग के कोर इलाकों में 40 नए पुलिस कैंप प्रस्तावित है। ऐसे में इन जगहों पर भी आवश्यकतानुसार इस वाहन का इस्तेमाल कर नक्सलियों के कोर इलाकों को नक्सल मुक्त किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पुलवामा के बाद बस्तर में व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल की तैनाती की गई है। बस्तर संभाग के खासकर सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में इस व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल का इस्तेमाल जवान कर रहे हैं। उच्च सुरक्षा संशाधनों से युक्त यह वाहन अधिक ऊंचाई वाले अभियानों के लिए बहुत उपयुक्त और कारगर है। यही वजह है इस वाहन को अब बस्तर में जवानों के साथ तैनात किया गया है। इस व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल को बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी और फीचर्स के साथ डिजाइन किया गया है। बस्तर के दुर्गम भौगोलिक हालातों में इसका इस्तेमाल करना फोर्स के लिए काफी मददगार साबित होगा। यहां यह भी बताया जाना आवश्यक है कि बस्तर में नक्सली इससे पहले बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तमाल कर बुलेट प्रुफ वाहन को उड़ाने सफल रहे हैं।
नक्सलियों के कोर इलाकों को नक्सल मुक्त करने के लिए पुलवामा के बाद बस्तर में व्हिलड आर्म्ड एम्फिबियस व्हीकल की तैनाती की गई है। यह व्हीकल कई टन वजनी है, और बस्तर के दुर्गम इलाक़ो में आसानी से और स्पीड से पहुंच सकते हैं। खास बात यह है कि इस व्हीकल के अंदर ही 06 लाईट मशीन गन और ग्रनेड लॉन्चर मशीन लगे हुए हैं। जो रिमोट कंट्रोल वेपन्स स्टेशन है और रिमोट की एक बटन दबाते ही पूरे 06 तरफ से फायर कर सकती है। हालांकि इसे मैन्युअल भी छह जवानों की मदद से चलाया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि यह व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल पूरी तरह से माइन प्रोटेक्टेड है। इस वाहन की खास बात यह भी है कि इसे एडवांस टेक्नोलॉजी और फीचर्स के साथ डिजाइन किया गया है। दलदली क्षेत्र और तालाबों में भी तेजी के साथ यह व्हीकल काम कर सकता है। बीती 30 जनवरी को टैकलगुड़ेम में हुए नक्सली हमले में नक्सलियों के एंबुश को तोड़ने में इस व्हीकल ने बड़ी भूमिका निभाई है। जवानों के मुताबिक जब तीनों और से नक्सलियों ने जवानों को घेर रखा था। ऐसे समय में इस व्हीकल से नक्सलियों पर फायरिंग कर न सिर्फ उन्हें खदेड़ा बल्कि इससे नक्सलियों के एम्बुश में बुरी तरह फंसे 15 जवानों की जान भी बची। खास बात यह है कि यह व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल पूरी तरह माइन प्रोटेक्टेड है। विस्फोट से इसे नुकसान नहीं पहुंचता, साथ ही बारूदी सुरंग का भी इस पर कोई असर नहीं होता। व्हीकल पूरी तरह से बुलेट प्रुफ और ब्लाॅस्ट प्रुफ है। जमीन के साथ यह व्हीकल पानी में भी तैरने में सक्षम है, इस व्हीकल में ड्राइवर समेत 11 जवान हथियारों के साथ सवार हो सकते हैं।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित सभी इलाकों में व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म व्हीकल के उपयोग की आवश्यकता नहीं है, जिस इलाके में इस वाहन की आवश्यकता होगी वहां इसका उपयोग निश्चित ही किया जायेगा। कई ऐसे इलाके हैं, जहां इसका उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे
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