गंगरेल बांध के दो गेट से सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा पानी
धमतरी, 25 अगस्त (हि.स.)। किसानों की मांग को देखते हुए गंगरेल बांध के दो गेट फिर खोले गए है। यहां से 6027 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि बांध में पानी की आवक सिर्फ चार हजार क्यूसेक बनी हुई है। आवक कम और अधिक पानी छोड़ने से बांध का जलभराव 27.988 टीएमसी हो चुका है। छोड़े जा रहे पानी में 5462 क्यूसेक खरीफ सिंचाई पानी है, जो रूद्री बांध में जा रहा है।
सावन माह में हुई अच्छी वर्षा से गंगरेल बांध में 30 टीएमसी से अधिक जलभराव हो चुका था, लेकिन भादो माह में बारिश कम हो रही है। इससे किसानों के खेतों में तैयार हो रही खरीफ धान फसल के लिए सिंचाई पानी की जरूरत पड़ रही है। बालोद, धमतरी, बलौदाबाजार व रायपुर तक के लिए गंगरेल बांध से इन दिनों सिंचाई पानी छोड़ा जा रहा है। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंगरेल बांध के दो गेट आठ व नौ से 6027 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसमें से 5462 क्यूसेक खरीफ पानी, 50 क्यूसेक धमतरी नगर निगम के लिए पेयजल शामिल है। इसके अलावा अन्य जगह पानी जा रहा है। गंगरेल बांध से लगातार सिंचाई पानी छोड़े जाने से बांध का जल स्तर तेजी से कम हो रहा है। वर्तमान में गंगरेल बांध में 27.988 टीएमसी पानी है। बांध से कब तक पानी छोड़ा जाएगा, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है। जिले के माड़मसिल्ली बांध में वर्तमान में पांच टीएमसी से अधिक पानी भरा हुआ हैै। दुधावा में आठ टीएमसी और सोंढूर बांध में सवा पांच टीएमसी जलभराव हैै। एक जून से अब तक गंगरेल बांध से 8.493 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं फीडर केनाल से 1.317 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। इसी तरह सोंढूर बांध से 2.272 टीएमसी और दुधावा से करीब आधा टीएमसी से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर
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