गंगरेल बांध में पानी की आवक जारी,  रूद्री बैराज से छोड़ा जा रहा पानी

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गंगरेल बांध में पानी की आवक जारी,  रूद्री बैराज से छोड़ा जा रहा पानी


धमतरी, 29 जुलाई (हि.स.)।गंगरेल बांध के कैचमेंट क्षेत्र से पानी की भारी आवक हो रही है, इससे बांध का कुल जलभराव 26 टीएमसी से अधिक हो चुका है और बांध में लगातार 16577 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। गंगरेल बांध के पेन स्टाक से रूद्री बांध में 1650 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गंगरेल बांध का लेवल 346.80 मीटर हो चुका है, जो खतरे के निशान से सिर्फ दो मीटर दूर है। इधर रूद्री बांध में पानी की अच्छी आवक होने के कारण उनके तीन गेटों से महानदी में तेजी के साथ 3000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी छोड़े जाने के बाद महानदी किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों को शासन-प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है।

जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में 28 जुलाई को 62 हजार क्यूसेक पानी की आवक कैचमेंट क्षेत्र से हो रही थी। इससे बांध तेजी से भर रहा था। इस स्थिति को देखते हुए कार्यालय कार्यपालन अभियंता जल प्रबंध संभाग रूद्री कोड नंबर 38 से पत्र जारी करके 29 जुलाई को गंगरेल बांध से पानी छोड़े जाने की संभावना व्यक्त की थी। इससे महानदी किनारे के गांवों में मुनादी कराकर अलर्ट जारी कर दिया गया , लेकिन सोमवार को गंगरेल बांध में शाम छह बजे तक बांध में पानी की आवक 16577 क्यूसेक हो गया और बांध का जलभराव 26.123 टीएमसी रहा, ऐसे में पानी नहीं छोड़ा गया। गंगरेल बांध के पेन स्टाक से रूद्री बांध में सिर्फ 1650 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे रूद्री बांध में तेजी से पानी की आवक होने के कारण 29 जुलाई को दोपहर रूद्री बांध में पानी छोड़ने के लिए आधा घंटे पहले सायरन बजाया गया, तो आसपास लोगों में हड़कंप मच गया। बांध किनारे पहुंचे लोग आनन-फानन में ऊपर की ओर चढ़े।

एसडीओ डीएस कुंजाम ने बताया कि सायरन बजने के बाद धीरे-धीरे कुछ समय में बांध के सबसे पहले दो गेट खोलकर 1480 क्यूसेक पानी महानदी में बहाया गया। पानी छूटने के बाद धीरे-धीरे बांध में पानी भरता गया, इससे बांध का नजारा आकर्षक होने लगा। कुछ समय बाद रूद्री बांध का एक गेट और खोला गया। इस तरह रूद्री बांध के तीन गेटों से महानदी में 3000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इससे महानदी में तेजी के साथ पानी भरने से नजारा आकर्षक हो गया है। रूद्री बांध में कुल 28 गेट है, इसमें से चार, पांच व छह नंबर के गेट खोले गए है, जहां से पानी महानदी में जा रहा है।

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को शाम छह बजे तक गंगरेल बांध का लेवल 346.80 मीटर हो चुका था, जो कि खतरे के निशान से सिर्फ दो मीटर दूर है। बांध का लेवल 348.70 मीटर खतरे का निशान है। गंगरेल बांध का कुल जलभराव 26.123 टीएमसी हो गया है। इसमें से 21.052 टीएमसी उपयोगी जल है। जबकि बांध में आवक 16577 क्यूसेक बना हुआ है। पेन स्टाक व भिलाई केनाल से कुल 1700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इसमें से 1650 क्यूसेक पानी रूद्री बांध में और 50 क्यूसेक पानी भिलाई नहर पर जा रहा है। इसी तरह मुरूमसिल्ली बांध में 3.919 टीएमसी पानी भर चुका है, जो अपनी कुल भराव क्षमता के 68 प्रतिशत है। बांध में 3634 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। इसी तरह दुधावा बांध में 5.825 टीएमसी पानी भर गया है, जबकि आवक 7647 क्यूसेक बना हुआ है। यह बांध 58 प्रतिशत भर चुका है। जबकि सोंढूर बांध में कुल जलभराव 4.497 टीएमसी हो चुका है और बांध में पानी की आवक 5554 क्यूसेक हो रहा है। यह बांध अपनी क्षमता के 70 प्रतिशत भर चुका है। जिले के सभी बांधों में पानी की अच्छी आवक होने से बांधों की सेहत में काफी सुधार हो चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / केशव केदारनाथ शर्मा

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