छत्तीसगढ़ की नोनी ना कभी रोनी चाही न कभी खोनी चाही बल्कि संजोनी चाहिए : अध्यक्ष डॉ. वर्णिका

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छत्तीसगढ़ की नोनी ना कभी रोनी चाही न कभी खोनी चाही बल्कि संजोनी चाहिए : अध्यक्ष डॉ. वर्णिका


छत्तीसगढ़ की नोनी ना कभी रोनी चाही न कभी खोनी चाही बल्कि संजोनी चाहिए : अध्यक्ष डॉ. वर्णिका


यूनिसेफ के ‘नोनी जोहार’ चौथे संस्करण में 15 जिलों से 250 बच्चे शामिल

रायपुर 18 दिसंबर (हि.स.)। यूनिसेफ द्वारा आयोजित नोनी जोहार का चौथा संस्करण बिहेवियर मैटर्स” विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयाेजन आज गुरुवार काे आयाेजित हुआ। इस आयोजन में प्रदेश के 15 जिलों से आए लगभग 250 बच्चों ने सहभागिता की और विभिन्न सामाजिक विषयों पर अपनी लर्निंग साझा करने हेतु आकर्षक स्टॉल्स लगाए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा उपस्थित रहीं। उनके साथ विश्वविजय सिंह तोमर (अध्यक्ष, राज्य युवा आयोग), अभिषेक सिंह (एसबीसी-स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ छत्तीसगढ़), बाल पारितोष , चेतना देसाई (चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट), मनीष सिंह जी एवं मानस बनर्जी जी (अग्रिकॉन) सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

अपने संबोधन की शुरुआत डॉ. वर्णिका शर्मा ने भारत माता के जयकारे और सभी को जोहार कहकर की। नोनी जोहार की भावना को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा “हमर छत्तीसगढ़ की नोनी रोनी नहीं चाहिए, न ही कहीं खोनी चाहिए, बल्कि छत्तीसगढ़ की नोनी संजोनी चाहिए। तभी नोनी जोहार सार्थक होगा।”

वॉलंटियर्स के उत्साह की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह मन की विजय है, जो समर्पण सेवा से संभव होती है। यह कार्य किसी ने चुना नहीं, बल्कि इस पुण्य कार्य ने स्वयं आप सभी को चुना है। यह समय सीखते हुए, सेलिब्रेट करते हुए आगे एलिवेट होने का है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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