गंगरेल बांध के खुले दो गेट, छोड़ा जा रहा 3314 क्यूसेक पानी
28.292 टीएमसी, 88 प्रतिशत जल भराव हुआ, बांध को छलकने के लिए चाहिए मात्र चार टीएमसी पानी
धमतरी, 3 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाले महानदी में जल भराव को देखते हुए तीन अगस्त की सुबह 9.15 को बांध के दो गेट खोलकर पानी छोड़ना शुरु किया गया। दो अगस्त की शाम गगंरेल बांध में जल भराव को देखते हुए बांध के पूरे 14 गेट खोलकर ट्रायल लिया गया। ट्रायल के दौरान सभी गेट दुरुस्त मिले। इस दौरान लगभग आधा घंटा तक बांध के सभी गेट से पानी छोड़ा गया। इसके पश्चात सभी बंद कर दिये गये। आज सुबह पुनः बांध के 7 व 8 नम्बर के दो गेट खोलकर डिस्जार्च शुरु किया गया। सुबह 11 बजे की स्थिति में बांध से 3314 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसमें से 31 क्यूसेक पानी रुद्री बैराज से होते हुए महानदी में छोड़ा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गंगरेल बांध की जल संग्रहण क्षमता 32.150 टीएमसी है। वर्तमान में 28.292 टीएमसी जल भराव हो चुका है। जो कि लगभग 88 प्रतिशत है। इस प्रकार बांध को छलकने के लिए मात्र 4 टीएमसी पानी की आवश्यकता है। हालांकि पूरे 32 टीएमसी जल भराव के पूर्व ही बांध के गेट खोल दिए जाते है। बांध में उपयोग पानी 23.227 टीएमसी है। बांध में पानी की आवक 5744 क्यूसेक प्रति सेंकड हो रही है। बांध में पानी का लेवल 347.56 मीटर है। गंगरेल बांध में जल भराव होने, गेट खुलने व मौसम खुशनुमा होने के कारण पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है। गंगरेल बांध में जल भराव होने का असर रुद्री बैराज में भी नजर आता है। बांध का पानी छूटकर रुद्री बैराज में पहुंचता है जिससे बैराज का गेट खोलकर नदी में छोड़ा जाता है। गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश व जल भराव को देखते हुए कुछ दिन पूर्व से ही रुद्री बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। आज गंगरेल बांध के गेट खुलने से बैराज से छूटने वाले पानी की मात्रा बढ़ी जिससे रुद्री बैराज का दृश्य और भी मनोरम हो गया। जिसे निहारने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / चन्द्र नारायण शुक्ल
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