शराब घोटाला : टुटेजा-ढेबर समेत अन्य आरोपितों के 205 करोड़ की संपत्ति कुर्क

शराब घोटाला : टुटेजा-ढेबर समेत अन्य आरोपितों के 205 करोड़ की संपत्ति कुर्क
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शराब घोटाला : टुटेजा-ढेबर समेत अन्य आरोपितों के 205 करोड़ की संपत्ति कुर्क


रायपुर , 3 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपितों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। कुर्क किए संपत्ति कीमत करीब 205.49 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस बात की जानकारी ईडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स में पोस्ट करके दी है। ईडी ने पोस्ट में लिखा कि, इन संपत्तियों में 18 चल और 161 अचल संपत्तियां हैं। इसका संबंध पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और शराब घोटाले से जुड़े अन्य लोगों से है।

ईडी ने मामले में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शराब घोटाले में एक नई ईसीआईआर दर्ज की है।

ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति को कुर्क किया गया है, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये है। 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की हैं, जिसकी कीमत करीब 116.16 करोड़ है। तीन संपत्ति विकास अग्रवाल की है, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये है। वहीं 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की है, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ है। अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है।

इसके अलावा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की नौ संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत 28.13 करोड़ रुपये है। आशीष सौरभ केडिया/ दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ की संपत्ति और एक वाहन को कुर्क किया है, जिसकी कीमत 0.13 लाख है। नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण भी कुर्क किए हैं। अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में उनकी फर्म ए ढेबर बिल्डकॉन के बैनर तले चल रहे होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर और एकॉर्ड बिजनेस टाॅवर के नाम से एक कमर्शियल बिल्डिंग भी शामिल है।

ईडी ने बताया कि 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए सीएसएमसीएल बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही यह सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई। आरोप है कि सीएसएमसीएल से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। ईडी का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से ‘बड़ा कमीशन’ कमाया, यह रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ गेवेन्द्र

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