टीपाखोल जलाशय का अस्तित्व खतरे में , कलेक्टर को ज्ञापन

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टीपाखोल जलाशय का अस्तित्व खतरे में , कलेक्टर को ज्ञापन


रायगढ़ , 8 अगस्त (हि.स.)।किसानों के सिंचाई और सतही भू:जल स्तर को मजबूत बनाए रखने के लिए 1967 में टीपाखोल जलाशय के निर्माण की नींव रखी गई और इसका निर्माण सन् 1975 में संपूर्ण हुआ जो जनता को सुपुर्द किया गया। जिसमें 1800 एकड़ के लगभग खेती जमीन में सिंचाई करने के लिए और इससे रायगढ़ शहर के उत्तरी बसाहट में भू :जल स्तर को मजबूत बना रखने का प्रयास होते रहा।जिसकी नहरें रायगढ़ शहर के तत्कालीन ढिमरापुर और वर्तमान में सेठ किरोड़ीमल चौक तक विद्यमान रही पर आज टीपाखोल जलाशय का सिंचाई रकबा लगभग एक चौथाई यानी की 400 एकड़ से भी कम हो गया और सतही भूजल बढ़िया बनाए रखने वाली नहरें भी रायगढ़ शहर के आस-पास नहीं दिखती ।अब इस टीपाखोल जलाशय पर खनिज माफिया की नजर लग गई । शासकीय भूमि में 50 साल की खनिज लीज का पट्टा क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए जनता और तत्कालीन कलेक्टर के विरोध के बावजूद भी गुपचुप तरीके से दे दिया गया।

रायगढ़ बचाओ लड़ेंगे संस्था रायगढ़ के विनय शुक्ला,सुरेश साहू,संतोष यादव(गुड्डा),प्रकाश पंडा,अक्षत खेडुलकर,अभिषेक चौहान, मुजीब अहमद, तिजेश जयसवाल,हरि मिश्रा,सुयश ठेठवार,सोनू,पियूष,सुधीर, किशन,अनिल चीकू आदि ने वर्तमान में रायगढ़ जिले के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल आईएएस को पत्र प्रेषित किया है।पत्र में बताया गया है कि रायगढ़ जिले में सिंचाई के लिए बनाया गया टीपाखोल जलाशय के इर्दगिर्द पहाड़ पर जिला खनिज विभाग के द्वारा शासकीय भूमि पर क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए में-यंगती इंटरप्राइजेज को 50 साल की लीज पर दिया गया है।आग्रह किया है कि इस लीज के दस्तावेजों का और स्थल का अवलोकन के साथ संपूर्ण जांच करवाकर लीज को त्वरित समाप्त करवाकर टीपाखोल जलाशय के अस्तित्व को बचाएं।व्यसायिक प्रतिष्ठानों ने इस जलाशय को अपनी जकड़न में ले लिया और भू-माफियाओ ने इसके नहर को लील लिया ।आज इसके अस्तित्व को तीव्र गति से खत्म करने के षड्यंत्र होने लगे हैं।तत्कालीन कलेक्टर आर.एस.विश्वकर्मा के द्वारा स्वयं ही टीपाखोल जलाशय स्थित इस खनिज लीज के स्थल का अवलोकन किया गया था और 13 जुलाई 2005 को लीज खत्म करने के लिए उक्त नोट शीट में अपना अभिमत लिखा था कि उन्होंने स्वयं स्थल का निरीक्षण किया है ।यह बांध क्षेत्र के बगल में है और संरक्षित स्थान है। यहां किसी प्रकार का उत्खनन करना ठीक नहीं है। इस आवेदन को अमान्य करने के लिए लिखें और लीज भी समाप्त करें।

जब स्वयं तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा स्थल निरीक्षण कर लीज समाप्त करने के नोटशीट प्रेषित किया तो उसके पश्चात तत्कालीन कलेक्टर आर.एस विश्वकर्मा का स्थानांतरण होने के पश्चात अनेक गंभीर त्रुटि होने के पश्चात भी उक्त फर्म में-यंगती इंटरप्राइजेज को उत्खनन करने के लिए 50 वर्षों के लिए सौंप दिया गया। खनिज उत्खनन करने वाली इस कंपनी ने “”बंड”” एरिया तक खुदाई कर दिया और सिंचाई विभाग चुप रहा।

रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के साथियों ने इस पत्र की छाया प्रति कार्यपालन यंत्री,जल संसाधन विभाग रायगढ़ और रायगढ़ के खनिज विभाग के सहायक संचालक खनिज शाखा,कार्यालय कलेक्टर को भी प्रेषित की है और आग्रह किया है कि जल्द से जल्द टीपाखोल जलाशय को बचाए रखने के लिए यंगति इंटरप्राइजेज की लीज को रद्द करें ।इस जलाशय से किसानों और रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के सतही भू:जल स्तर को बनाए रखने का कार्य होता रहा है जो फिर से संपादित हो सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान / केशव केदारनाथ शर्मा

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