वनांचल में वन संसाधन अधिकार पर हो बेहतर क्रियान्वयन : सीईओ रोमा श्रीवास्तव

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वनांचल में वन संसाधन अधिकार पर हो बेहतर क्रियान्वयन : सीईओ रोमा श्रीवास्तव


मटियाबाहरा में वन संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों पर हुई कार्यशाला

धामतरी 15 जुलाई (हि.स.)। धमतरी नगरी विकासखंड के ग्राम मटियाबाहरा में वन संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों पर केंद्रित प्रशिक्षण सहकार्यशाला में जिला पंचायत की सीईओ रोमा श्रीवास्तव ने शिरकत की। इस दौरान मनरेगा योजना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान में कार्यरत तकनीकी सहायक, पीआरपी, खोज संस्था, प्रदान संस्था, प्रेरक संस्था, आदिवासी विकास विभाग, वन विभाग, रेंजर एवं बीटगार्ड, जनपद पंचायत मगरलोड एवं नगरी, लाईलीहुड कालेज, बैंक ऑफ बड़ौदा आरसेटी, कृषि विभाग, बीआरएलएफ, एग्रोकेट सोसाइटी प्रशिक्षण के प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित हुए।

सीईओ ने वन आधारित संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी विभाग एवं स्वयंसेवी संस्था समन्वय बनाकर वन संसाधन अधिकार पर कार्य करें। उन्होंने जनमन मॉडल बसाहटों में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पर मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत भण्डारवाड़ी, बोदलबाहरा एवं कल्लेमेटा में वन संसाधन प्रबंधन समिति के साथ योजना से जुड़े विभागों को बैठक करने कहा। प्रशिक्षण सत्र में आदिवासी विभाग द्वारा ग्रामसभा को मिलने वाले सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के महत्व एवं उद्देश्य पर बताया कि अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार का प्रावधान है जो किसी सामुदायिक वन संसाधन की रक्षा, पुनरूद्धार, संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार देता है।

सीएफआरआर की दावा प्रक्रिया के संबंध में बताया कि ग्राम सभा से ही चयनित वन अधिकार समिति के सदस्य सहयोग करते हैं। गांव की पारंपरिक सीमा का जीपीएस का नक्शा, ग्राम सभा से अनुमोदन उपरांत उपखंड स्तरीय समिति में अनुमोदन पश्चात जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन से उक्त अधिकार पत्र प्रदाय किया जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा महिला स्वसहायता समूहों को अपने निजी आवश्यकताओं के लिए ऋण उपलब्धता की जानकारी दी गई। वन आधारित संसाधन एवं आजीविका गतिविधियों के प्रशिक्षण में ग्राम मटियाबाहरा को सामुदायिक वन संसाधन मिलने के बाद प्रबंधन हेतु कार्य योजना ग्रामवासियों की उपस्थिति में बनाये जाने की जानकारी दी गई। कृषि विभाग द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजनांतर्गत तीन साल की कार्ययोजना बनाई गई है जिसमें क्लस्टर स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोगों को प्रेरित किये जाने की बात कही गई। नगरी विकासखंड के ग्राम भैंसामुड़ा को कार्य योजना में शामिल करने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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