कोरबा : बालको प्रबंधन की मनमानी से किसानों में जमकर आक्रोश, नाराज किसानों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों को रोका

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कोरबा : बालको प्रबंधन की मनमानी से किसानों में जमकर आक्रोश, नाराज किसानों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों को रोका


कोरबा/कटघोरा, 27 सितम्बर (हि.स.)। बालको प्रबंधन की मनमानी से चोटिया खदान से लगे गांव के किसानों में जमकर आक्रोश व्याप्त है। आज शुक्रवार को नाराज किसानों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों को रोका और मुआवजे की मांग पर अड़े हैं।

जानकारी अनुसार चोटिया माइंस 1 खदान में राखड़ डंप से किसान काफी परेशान हैं। पिछले चार वर्षों से खदान से निकलने वाले दूषित जल निस्तार की परेशानी से जूझ ही रहे थे। अब दो वर्षों से राखड़ की भी समस्या आ पड़ी है, जिससे किसानों के खेतों में राखड़ जाम हो रहा है। कुछ महीनों पहले ही प्रशासन ने मुवाअजे प्रकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। उस प्रक्रिया में किसानो को उम्मीद जाग चुकी थी कि अब लम्बे समय से लंबित मुवाअजे की राशि उन्हें मिलने लगेगी। लेकिन वह प्रक्रिया फिर ठंडे बस्ते में चली गई, जिसको लेकर किसानों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाया और चोटिया माइंस 1 में चल रहे वाहनों को रोककर विरोध किया।

क्या है पूरा मामला

चोटिया खदान से लगे हुए ग्राम पोड़ीखुर्द के किसान पिछले 5 से 6 वर्षो से खदान से निकलने वाले दूषित जल निस्तार कि समस्या से जूझ रहे हैं। दूषित जल की समस्या तो बरकरार है ही, अब दो वर्षो से एक और समस्या आ पड़ी राखड़ की। दरसल प्रकाश इंडस्ट्रीज ने इस खदान का टेंडर लिया था तो दूषित जल निस्तार को लेकर किसानों को लगातार मुआवजा दिया जाता था वही प्रकाश इंडस्ट्रीज का टेंडर समाप्त होने के बाद बालको वेदान्ता ने स्वयं खदान अपने हाथ में ले लिया, जिसके बाद से दूषित जल निस्तार का किसानों को मुआवजा मिलना बंद हो गया। अब चोटिया माइंस 1 में भारी मात्रा में राखड़ डंप से नीचे प्रभावित किसानों के लहलहाते खेतों में राख़ड़ पहुंचता है, जिससे खेतों की फसले बर्बाद होने के साथ साथ उपजाऊ भूमि भी बंजर होने के कगार में है। वहीं किसान चाहते हैं कि उनके खेतों में जो नुकसान हुए हैं उन्हें छतिपूर्ति दी जाये और दूषित जल निस्तार के साथ साथ राख़ड़ डंप पर भी रोक लगाई जाए। शिकायत के आधार पर मामले में मुआवजे की प्रक्रिया की गई, लेकिन प्रकरण में देरी होने के चलते आज नाराज किसानों ने राखड़ डंप कर रहे वाहनों को रोककर समस्या का समाधान करने की बात कही, नाराज़ किसानों ने कहा कि ज़ब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक काम शुरू नहीं करने दिया जायेगा।

प्रशासन के नियमों के तहत जारी है मुआवजा की प्रक्रिया

इस मामले में स्थानीय प्रशासन नायब तहसीलदार सुमनदास मानिकपुरी से प्रकरण कि जानकारी ली गई, जहाँ बताया गया कि किसी भी कार्रवाई के लिए शासकीय प्रक्रिया काफी जटिल होती है। हालांकि समय लगता है लेकिन नियम के तहत जो किसानों का हक होता है वह पूरी की जाती है। वहीं पोड़ी खुर्द के किसानों के परेशानि‍यों के मामले में शिकायत हुई थी, जिसकी प्रक्रिया चल रही है जल्द ही इनकी मांगे पूरी की जायेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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