भूपेश सरकार द्वारा शुरु किये गये आत्मानंद स्कूलों की सार्थकता दिखने लगी : कांग्रेस
10वीं, 12वीं के टॉप 10 में 70 प्रतिशत बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूलों के
रायपुर, 9 मई (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि भूपेश सरकार द्वारा मध्यम वर्ग गरीबों के लिये शुरू किये गये आत्मानंद स्कूलों की सार्थकता दिखने लगी है। भाजपा जिस स्वामी आत्मानंद स्कूल को बंद करना चाहती है। उसी स्वामी आत्मानंद स्कूलों के बच्चे 10वीं, 12वीं की प्रावीण्य सूची में 70 प्रतिशत से अधिक स्थान बनाया है। 12वीं की प्रावीण्य सूची में टॉप टेन में 8 बच्चे और 10वीं की प्रावीण्य सूची में टॉप 10 में 21 बच्चों ने स्थान बनाया है। बेहद दुर्भाग्यजनक है भाजपा सरकार इसी आत्मानंद स्कूल को बंद करना चाहती है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना गरीबों और मध्यम वर्ग के बच्चों के लिये संजीवनी है। इस स्कूल में बच्चों को मुफ्त अंग्रजी माध्यम की पढ़ाई कराया जाता है। निजी स्कूलों में एक बच्चे का अंग्रजी माध्यम की पढ़ाई में औसतन प्रति माह आठ हजार से नौ हजार रुपये का खर्च आता है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिये यह खर्च उनकी क्षमता से अधिक हो जाता है। स्वामी आत्मानंद स्कूल में गरीब आदमी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिला पा रहा है और अवसर का फायदा बच्चे भी उठा रहे हैं, तथा वे सफलता के नये परचम लहराया है। इन बच्चों ने बता दिया कि अवसर मिलने पर प्रतिभा निखरती है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूलों को दलीय दुर्भावना से देख रही है। पहले स्कूल शिक्षा मंत्री ने घोषणा किया था इन स्कूलों की आवश्यकता का पूर्नमूल्यांकन किया जायेगा। इसके बाद खबर आया कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के नाम बदलकर पीएमश्री नाम दिया जायेगा। यही नहीं भाजपा सरकार बनने के बाद पिछले चार माह से भाजपा सरकार आत्मानंद स्कूलों के शिक्षकों को वेतन नहीं दे रही है। ताकि शिक्षक स्कूलों को छोड़कर चले जाये और विद्यालयों को बंद करने का बहाना मिल जाये।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल/केशव
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।