निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया चार दिन के लिए ईओडब्ल्यू की रिमांड पर
रायपुर, 23 मई (हि.स.)। कोयला घोटाला मामले में आरोपित निलंबित आईएएस रानू साहू और पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया को विशेष न्यायालय ने गुरुवार को चार दिन के लिए ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौपने का निर्देश दिया है। दोनों को प्रोडक्शन वारंट के तहत ईओडब्लू की टीम ने रायपुर कोर्ट में आज पेश किया था।
दोनों पर आरोप है कि वे कोल लेवी वसूली का काम करते थे। इतना ही नहीं दोनों पर अधिकारी होकर पद का दुरुपयोग का भी आरोप है।ईओडब्ल्यू आरोपितों से कई बिंदुओं पर पूछताछ करेगी।ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने 540 करोड़ रुपए के कथित कोयला घोटाले का खुलासा किया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 540 करोड़ रुपये के कोल लेवी स्कैम में निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया के साथ आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और जेडी माइनिंग एसएस नाग और कांग्रेस विधायक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। 17 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू की थी।जेल में बंद आरोपित निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से इससे पहले पूछताछ हो चुकी है। इन लोगों से पूछताछ के बाद इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का मामला दर्ज किया था। कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन हड़पने का आरोप है। 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी घर पर ईडी ने छापा भी मारा था. इस दौरान करीब चौबीस घंटे की जांच के बाद 22 जुलाई की सुबह रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार ने उन्हें पद से निलंबित कर दिया था। ज्ञात हो कि ईडी की कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यूऔर एंटी करप्शन ब्यूरो ने कुछ पूर्व मंत्रियों सहित30 से ज्यादा लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की है।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा
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