सिमगा के विद्यार्थियों के जीवन में लौटी शिक्षा की नई उम्मीद
कोरबा ,12 दिसम्बर (हि. स.)। जिले के दूरस्थ क्षेत्र पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिमगा में वर्ष 2014 से संचालित हायर सेकंडरी स्कूल अब शिक्षा का एक मजबूत केंद्र बनकर उभर रहा है। सिमगा, घोसरा और आसपास के लगभग दस किलोमीटर दायरे के गाँवों से विद्यार्थी यहां पढ़ने आते हैं। विद्यालय में कुल 178 विद्यार्थी दर्ज हैं, जिनमें से लगभग सभी अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। यह विद्यालय ग्रामीण और वनांचल क्षेत्र के बच्चों के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
लंबे समय तक विद्यालय में अंग्रेजी और वाणिज्य विषय के व्याख्याता नहीं थे, जिसके कारण विद्यार्थियों को इन विषयों की नियमित कक्षाएँ प्राप्त नहीं हो पाती थीं। इससे उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत सिमगा हायर सेकंडरी स्कूल को अंग्रेजी विषय के व्याख्याता के रूप में रमाकांत कुशरो और वाणिज्य विषय की व्याख्याता के रूप में श्रीमती रुकमणी पुरैना की नियुक्ति मिली। इन शिक्षकों के आने के बाद विद्यालय का माहौल सकारात्मक रूप से बदलने लगा और पढ़ाई की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला।
ग्राम सिमगा की सरपंच गायत्री आयाम और ग्राम पंचायत घोंसरा की शाम बाई बिंझवार ने बताया कि नए व्याख्याता आने से स्कूल में पढ़ाई का वातावरण काफी बेहतर हुआ है। विद्यार्थियों में उत्साह दिखाई दे रहा है और उनकी रुचि भी बढ़ी है। कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों लक्ष्मी, साहिल, आशु, सोनिया, दिल कुमार, रमी सिंह, रितेश, जय कुमारी, समिता, याचना और विकास ने भी कहा कि पहले नियमित शिक्षक न होने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित होती थी, लेकिन अब अंग्रेजी और वाणिज्य दोनों विषयों की अच्छी तरह पढ़ाई हो रही है।
विद्यालय में वर्षों से नियमित प्राचार्य का अभाव भी था। हाल ही में सतीश प्रकाश सिंह के नियमित प्राचार्य के रूप में पदस्थ होने से विद्यालय में नवाचार की शुरुआत हुई है। उन्होंने पदस्थापन के साथ ही विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने और विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा व रोजगार के प्रति जागरूक करने का अभियान प्रारंभ किया है। प्राचार्य श्री सिंह स्वयं भी विद्यार्थियों को कैरियर मार्गदर्शन दे रहे हैं और विशेषज्ञों को बुलाकर नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। उनका कहना है कि तकनीकी युग में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रेरित और समर्थ बनाना आवश्यक है।
सिमगा हायर सेकंडरी स्कूल आज बदलाव की उस यात्रा पर है, जहाँ शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य में नई चमक पैदा हो रही है। नियमित शिक्षकों की उपलब्धता, सक्रिय प्राचार्य और सकारात्मक वातावरण ने इस विद्यालय को दूरस्थ क्षेत्र में भी शिक्षा का मजबूत आधार बना दिया है। अब शिक्षको की उपलब्धता सुनिश्चित होने से विद्यार्थियों के साथ ही उनके पालकों में भी खुशी है।
हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

