भक्ति और तपस्या पर घमंड नहीं करना चाहिए: पंडित कामता प्रसाद शरण
धमतरी, 20 दिसंबर (हि.स.)। शिव भक्त एवं नगरवासी के सहयोग से बनियापारा धमतरी में आयोजित शिव महापुराण कथा में कथावाचक कामता प्रसाद शरण ने कहा कि, शिव महापुराण कथा सुनने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। भगवान शंकर भोले हैं और वे भाव के प्यासे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मनुष्य के भीतर अहंकार और अभिमान रहेगा, तब तक परमात्मा से दूरी बनी रहेगी। जीवन के हर कार्य को दिल और विश्वास से करना चाहिए चाहे वह भजन-कीर्तन हो या कोई अन्य कार्य। ऐसा करने से जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है। किसी को भी भक्ति और तपस्या पर घमंड नहीं करना चाहिए।
उन्होंने नारद मोह की कथा में बताया कि नारद मुनि को अपनी भक्ति और तपस्या पर बहुत घमंड था कि उनसे बड़ा कोई भक्त नहीं है, और वे त्रिलोक में सबसे ज्ञानी हैं। इंद्रदेव नारद जी के पास आए और उनसे कामदेव को हराने के बाद अपनी प्रशंसा करने लगे। नारद जी को यह सुनकर अभिमान हुआ कि वे इंद्र को भी हरा सकते हैं। नारद मोह विष्णु भगवान की माया और नारद मुनि के अभिमान से जुड़ी है, जिसमें नारद जी, विश्वमोहिनी रूपी माया के कारण सुंदर रूप पाने की इच्छा से विष्णु के पास जाते हैं, पर विष्णु उन्हें वानर रूप दे देते हैं, जिससे उन्हें अपमानित होना पड़ता है और अंततः वे विष्णु को सीता-वियोग का श्राप देते हैं, जो बाद में राम-सीता के जीवन में पूरा होता है, और नारद का अभिमान टूटता है। इस अवसर पर शिव शक्ति महिला मंडल के संरक्षक प्रेमा देवी यादव, अध्यक्ष जागेश्वरी धीवर, उपाध्यक्ष, शांता यादव, कोषाध्यक्ष पुष्पा यादव, सचिव मधु यादव व सदस्य सुनीता पटेल, ईश्वरी पटेल, अंजली यादव, संध्या धीवर, खुशबू अग्रवाल, दुर्गा यादव सहित अन्य मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

