गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव पर गुरूद्वारे में गूंजा शबद-कीर्तन

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गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव पर गुरूद्वारे में गूंजा शबद-कीर्तन


गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव पर गुरूद्वारे में गूंजा शबद-कीर्तन


गुरु गोबिंद सिंह के जन्मोत्सव पर गुरूद्वारे में गूंजा शबद-कीर्तन


धमतरी, 6 जनवरी (हि.स.)। सिख समाज के 10 वें गुरू गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाश पूरब पर्व छह जनवरी को उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। गुरू गोबिंद सिंह के प्रकाश पूरब पर्व के उपलक्ष्य में सिख समाज द्वारा आयोजित हो रहे विविध कार्यक्रम का सोमवार को समापन हुआ। इसी क्रम में चार गुरूसिंग सभाहाल में दिनभर शबद कीर्तन गूंजता रहा। आयोजन में काफी संख्या में सिख समाज के लोग शामिल हुए।

गुरू गोबिंद सिंह महाराज के प्रकाश पूरब पर्व को लेकर सिख समाज में उत्साह का माहौल रहा। 28 दिसंबर से प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रम हुए। इसके तहत सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग समय में गुरूद्वारा में रागी जत्था के कलाकारों ने शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी। गुरूद्वारा में सुबह से गुरदास की मंडली द्वारा शबद कीर्तन कर दीवान सजाया गया। सिख समाज के गुरुगोबिंद सिंह की जयंती पर गुरूद्वारा में शबद कीर्तन के अलावा अन्य कार्यक्रम हुए। इस दौरान समाज में तन, मन, धन से सहयोग करने वाले सिख समाज सहित अन्य समाज के लोगों का सम्मान किया गया। शबद कीर्तन के बाद लंगर का आयोजन हुआ जिसमें सभी ने प्रसादी पाई। इस अवसर पर प्रधान जगजीवन सिंह सिद्धू, सचिव जसपाल सिंघ छाबड़ा, मीत प्रधान रजिंदर सिंह छाबड़ा, सुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, सुरजीत नवदीप, अमरजीत सिंघ खालसा, भूपेंदर सिंघ मिस्सन, सारंगपान सिंघ खालसा, सतपाल सिंघ आजमानी, मनजीत सिंघ आजमी, चंदसिंघ गिल, महेंदर सिंघ मिस्सन, बहादुर सिंघ खालसा, वृंदभीषण चोपड़ा, रामप्यारी कौर तलुजा, स्वर्णकौर भाबरा, शीतल कौर मिस्सन, सुरजीत कौर बग्गा, हरविंदर कौर सांद, कुलवंत कौर गरेवाल, नरेन्द्र खंडेलवाल, प्रथम चांवला, जसप्रीत सिंघ बग्गा मौजूद रहे।

गुरु ने दिया अंधकार से प्रकाश में जाने का संदेश: गुरूद्वारा में रागी जत्था के कलाकारों ने शबद कीर्तन के माध्यम से कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने आजीवन जरुरतमंदों की सहायता की। गुरु उस दीये के समान है, जो अंधेरे को दूर कर प्रकाश फैलाता है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर हम भी अंधकार से प्रकाश की ओर जा सकते हैं। इसलिए उनके बताए सच्चाई के मार्ग पर चलें। जीवन में हर किसी को जीवन में गुरु की आवश्यकता होती है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही किसी का जीवन धन्य हो सकता है। बुराई का रास्ता छोड़ कर सच्चाई के मार्ग पर चलें।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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