दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा में नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति
राजनांदगांव/रायपुर, 12 सितंबर (हि.स.)। राजनांदगांव में पिछले दो दिनों से लगातार हुई बारिश और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा में नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति है। शिवनाथ नदी उफान पर है और उसका पानी 11 गावों में घुस गया है। राजनांदगांव, खैरागढ़ में बाढ़ पीड़ितों को कैम्पों में पहुंचाया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बगैर किसी पूर्व सूचना के मोगरा बैराज, घुमरिया और अन्य बैराजों से पानी छोड़ने से बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है। जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा में नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति है।बाढ़ में फंसे कई लोगों को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बांधों के गेट खोलने के बाद गांव में सूचना दी गई। इसमें कम्युनिकेशन गैप दिख रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टर को जरूरी आपदा प्रबंधन को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह बुधवार को राजनांदगांव क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित सिंगदाई, मोहड़, हल्दी और धामनसरा गांव पहुंचकर वास्तु स्थिति का जायजा लिया।
रमन सिंह ने अधिकारियों को तेजी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत काम करने के निर्देश दिए।पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बताया कि पिछले 25 सालों में कभी भी इतनी बारिश नहीं देखी।रमन सिंह ने कहा कि भादो की बारिश को दाना बरसना कहते हैं, इसे अमृत माना जाता है। लेकिन शिवनाथ नदी के किनारे बारिश एक आपदा बनकर आई। धामनसरा, सिंगदाई, मोहड़ और हल्दी में बारिश से काफी नुकसान हुआ।कच्चे मकान में बारिश का पानी घुस गया और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।धामनसरा, सिंगदाई, मोहड़ और हल्दी गांव में बारिश से काफी नुकसान हुआ।
रमन सिंह ने कहा कि गांव वालों ने मांग की है कि बारिश में जैसे ही डेम खुलता है उसके साथ एनीकट को भी खोला जाए।एनीकट के गेट नहीं खुलने के कारण लगभग 6 फीट तक कचरा जमा हो गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर एनीकट के गेट नहीं खुल पाते हैं। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बताया कि बाढ़ पीड़ित 200 से ढाई सौ लोगों के पास रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। हमारी कोशिश है कि इनके लिए खाने के पैकेट दिया जाए। बाढ़ का पानी उतरने के बाद तुरंत राजस्व के अधिकारी आकर सर्वे करेंगे। सभी नुकसानों का आंकलन कर राजस्व मद और दूसरे मदों से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा
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