राजिम कुंभ: छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति दूर-दूर तक बिखर रही

राजिम कुंभ: छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति दूर-दूर तक बिखर रही
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राजिम कुंभ: छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति दूर-दूर तक बिखर रही


प्रतिदिन हो रही स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति

धमतरी, 6 मार्च (हि.स.)। राजिम कुंभ कल्प में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने के लिए कुलेश्वर मंदिर के समीप विशाल सांस्कृतिक मंच बनाया गया है, जिसमें 24 फरवरी से लेकर आठ मार्च तक रामायण, पंडवानी, फाग गीत, राउत नाचा, पंथी के साथ साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा इस मंच से दी जा रही है। कार्यक्रम देखने बड़ी संख्या में दर्शक सुबह 11 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेते पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला के 11वें दिन पोंड़ के विजय वर्मा और उनके टीम द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। घुटकू नवापारा के द्रौपती नेताम ने मंच पर रामायण की प्रस्तुति दी, जिसमें केंवट के द्वारा राम भगवान सहित माता सीता और लक्ष्मण को नदी के उस पार ले जाने कथा बताई गई। परसवानी के भुनेश्वरी ठाकुर ने सुगम संगीत की प्रस्तुति दी। सिंधौरी के हेमंत यादव ने परंपारिक वेशभूषा में नृत्य की प्रस्तुति दी। तौरेंगा के दौलत यादव और बुधारू ने नाचा पार्टी के माध्यम से विभिन्न संदेशों को दर्शकों तक पहुंचाया। सीता वर्मा ने इस मंच पर मानस भजन की प्रस्तुति दी।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

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