पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद नया पट्टा मांगने से बढ़ी ग्रामीणों की परेशानी

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पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद नया पट्टा मांगने से बढ़ी ग्रामीणों की परेशानी


धमतरी, 12 अगस्त (हि.स.)।प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने के बाद पात्र ग्रामीणों से नया पट्टा की मांग पंचायत द्वारा किए जाने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। जबकि ग्रामीणों के पास तहसीलदार के हस्ताक्षरयुक्त सालों पुराना पट्टा है। ऐसे में ग्रामीणों की भीड़ शासन-प्रशासन से नया रहवासी पट्टा दिलाने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, ताकि उनकी समस्या दूर हो सके। पीड़ित ग्रामीणों ने कलेक्टर के पास अपनी समस्या रखी, तो कलेक्टर ने इसकी जांच कराने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।

ग्राम विकास समिति शंकरदाह के अध्यक्ष दीपक साहू, गजानंद साहू, राधे किशन, खिलावन ध्रुव, माखन लाल, भूपेन्द्र देवांगन, सहदेव साहू, रूपसिंग साहू, बिशन बाई समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण 12 अगस्त को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर रहवासी पट्टा दिलाने की गुहार लगाई है, ताकि वे ग्राम पंचायत के निर्देशानुसार पीएम आवास बना सके। ग्रामीणों ने कलेक्टर नम्रता गांधी के समक्ष आरोप लगाते हुए बताया कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों के लिए शासन से पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा लाभार्थी ग्रामीणों को नया पट्टा प्रस्तुत करने कहा है, जो उनके पास वर्तमान में नहीं है। ऐसे में ग्रामीण परेशान है।

ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष दीपक साहू व ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोगों को 1984-85 में आबादी पट्टा दिया गया था। इसी पट्टे के आधार पर गांव के करीब 35 लोगों का नाम पीएम आवास के पात्रता सूची में आया है। राज्य सरकार ने उनके आवास भी स्वीकृत कर दिया है, लेकिन अब ग्राम पंचायत ने नया पट्टा मांगकर ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। ग्राम पंचायत आवास स्वीकृत होने के बाद अब वर्ष-1984 का पट्टा मान्य नहीं है कहकर नया पटटा लेकर आने के लिए कहा जा रहा है। इसके बिना आवास का कार्य शुरू नहीं होने कहा गया है। ग्रामीण तुलसीराम साहू,तामेश्वरी साहू, राजकुमार, रामभरोसा, उषा साहू, दिनेश्वरी बाई का कहना है कि गांव में कई रसूखदार लोगों का पुराना पट्टा के आधार पर आवास बनकर तैयार हो गया है, लेकिन सारे नियम कायदे गरीबों पर थोपा जा रहा है। यदि राज्य सरकार को पुराने पट्टेधारक का आवास स्वीकृत नहीं करना था तो आवेदन के समय ही मना कर देते। आवास की स्वीकृति के बाद नियमों का पेंच लाना उचित नहीं है।

ग्रामीण प्रमिला बाई, खूबलाल, आशा राम, सावित्री बाई, शांति बाई, गजानंद साहू ने कहा कि गांव में वार्ड क्रमांक नौ और 10 में कुछ लोगों को छोड़कर सभी को पूर्व मुख्यमंत्री रमन पट़टा के लिए स्वीकृति प्रदान किया है। ग्राम पंचायत ने कुछ बाहरी लोगों को भी आवास का लाभ देकर शासन से पट्टा दिलाए है। जबकि हम सब गांव के स्थायी निवासी है। पूर्वजों के समय से शंकरदाह में निवास कर रहे हैं, लेकिन शासन के नियमों का उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है, जो उचित नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / केशव केदारनाथ शर्मा

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