जांजगीर: आपदा को अवसर में बदला परम कुर्रे ने, कृषि विभाग के साथ मिलकर बने उन्नतशील किसान

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जांजगीर: आपदा को अवसर में बदला परम कुर्रे ने, कृषि विभाग के साथ मिलकर बने उन्नतशील किसान


जांजगीर: आपदा को अवसर में बदला परम कुर्रे ने, कृषि विभाग के साथ मिलकर बने उन्नतशील किसान


























कोरबा/ जांजगीर-चांपा, 06 मार्च (हि.स.)। कोरोना काल की महामारी के बीच जब लोगों की नौकरियां जा रही थी, तब परम कुर्रे ने खेती किसानी का दामन थामा। उन्होंने कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर न केवल पामगढ़ बल्कि जिले के आस पास क्षेत्र में उन्नतशील किसान के रूप में जाने जाने लगे। 11 एकड़ की जमीन पर वह विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन करते हुए अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने कृषि के साथ ही उद्यानिकी और पशुपालन के क्षेत्र में हाथ अजमाए और इसमें भी वह सफल हुए।

जांजगीर-चांपा जिले के विकासखंड पामगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत राहौद के रहने वाले उच्च शिक्षित परम कुर्रे जिन्हें उन्नतशील किसान के रूप में पहचना जाता है। लेकिन आज से चार साल पहले उन्हें कोई नहीं जानता था। वह संविदा के तौर पर सरकारी विभाग में सेवा देकर अपनी जिन्दगी की गाड़ी को आगे बढ़ा रहे थे कि इसी दौरान कोरोना काल जैसा समय आया जब उन जैसे कार्य करने वालों को घर पर बैठना पड़ा। यही वह समय था जब उनके जीवन में नया बदलाव आया। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर गांव में खेती हर जमीन को अच्छी पैदावार के लिए तैयार किया और जांजगीर सहित रायपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर बेहतर कार्य करने की कृषि प्रणाली को सीखा। यह प्रशिक्षण परम कुर्रे के लिए बहुत कारगर सिद्ध हुआ। फिर क्या था उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वह अपने खेतों में धान की फसल के अलावा चना, अरहर सहित मौसमी फसलों को तो लगा ही रहे हैं, साथ ही उद्यानिकी की फसलों जैसे भाटा, भिंडी, टमाटर ककड़ी, खीरा, मिर्ची आदि भी लगाकर उसे आसपास के बाजारों में बेचकर अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। यही उनकी जिन्दगी रफ्तार के साथ आगे बढ़ने लगी और उन्होंने मछली पालन के क्षेत्र में भी अपने हाथ अजमाए। उन्होंने खेत में बनाये डबरी में रोहू कतला मछली पालन का कार्य शुरू किया। यही नहीं उन्होंने पशुपालन करते हुए साहीबाल, रेड सिंधी गाय का पालन कर रहे हैं।

परम कुर्रे बताते है कि कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन के कार्यां से जुड़कर वह अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रहें हैं। लगभग उन्हें 10 से 12 लाख रुपये की आमदनी हो रही है और वह गांव के उन्नतशील किसान बनकर उभरे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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