जगदलपुर : छठ पूजा के तीसरे दिन सूप में फल-फूल के साथ दिया गया डूबते सूर्य को अर्ध्य

जगदलपुर : छठ पूजा के तीसरे दिन सूप में फल-फूल के साथ दिया गया डूबते सूर्य को अर्ध्य
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जगदलपुर : छठ पूजा के तीसरे दिन सूप में फल-फूल के साथ दिया गया डूबते सूर्य को अर्ध्य


जगदलपुर : छठ पूजा के तीसरे दिन सूप में फल-फूल के साथ दिया गया डूबते सूर्य को अर्ध्य


जगदलपुर, 19 नवंबर (हि.स.)। सूर्योपासना के चार दिवसीय छठ पूजा-सूर्य षष्ठी की शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हो चुका है। आज छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने सूप में ठेकुआ फल फूल के साथ डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया। छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। आज के दिन भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा का विधान है। इस दौरान गंगामुड़ा तालाब और महादेव घाट में सबसे अधिक छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया।

छठ पूजा के दौरान पूजा में एक बांस या पीतल का सूप, एक गिलास, कटोरा, चम्मच, दूध और पानी के लिए तांबे का घड़ा, एक टोकरी, एक प्लेट, एक दीपक, खाजा या कोई अन्य मिठाई, एक नई साड़ी, दो बड़ी बांस की टोकरियां, दूध और पानी के लिए एक गिलास, एक लोटा और थाली, चम्मच, पांच गन्ना और शकरकंद, पान और सुपारी, केला, अनानास, बड़े मीठे नींबू, मूली, अदरक, गन्ना, कच्ची हल्दी और पानी वाला नारियल इन सभी चीजों को शामिल किया जाता है। साथ ही टोकरी में ठेकुआ के साथ फल और सब्जियां को रखा जाता है। व्रती द्वारा सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखकर दिया जाता है। सूप में दीपक जलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

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