10 साल पहले अधिसूचना जारी, 22 वन ग्राम नहीं बन पाया राजस्व ग्राम

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10 साल पहले अधिसूचना जारी, 22 वन ग्राम नहीं बन पाया राजस्व ग्राम


10 साल पहले अधिसूचना जारी, 22 वन ग्राम नहीं बन पाया राजस्व ग्राम


धमतरी, 28 अगस्त (हि.स.)। बलिदानी सुखराम नागे क्षेत्रीय किसान समिति के पदाधिकारी व सदस्य 28 अगस्त को कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर पदाधिकारियों ने नगरी व मगरलोड ब्लाक के 22 गांवों को वन ग्राम से राजस्व ग्राम बनाने की गुहार लगाई है, ताकि गांवों का विकास हो सके। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अधिसूचना जारी होने के 10 साल बाद भी इनके गांवों को वन ग्राम से राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिल पाया है, इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।

समिति संरक्षक सोमनाथ नेताम, सलाहकार भूखऊराम कुंजाम, नकछेड़ाराम कश्यप, अध्यक्ष राधेश्याम नेताम, उपाध्यक्ष रामजी नेताम, सोकसिंग नेताम, सुरेश मरकाम, राधेश्याम अग्रवानी समेत केकराखोली कार्यालय के पदाधिकारी व सदस्यों ने गुहार लगाते हुए कहा है कि मगरलोड व नगरी ब्लाक के 22 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम शीघ्र बनाया जाए। शासन स्तर से 20 अक्टूबर 2014 को अधिसूचना भी जारी की गई थी, लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद भी राजस्व ग्राम का दर्जा इनके गांवों को नहीं मिला है। राजस्व ग्राम नहीं बनने की वजह से गांव भुईयां पोर्टल से नहीं जुड़ पाया है, इससे ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही है। नगरी ब्लाॅक के 17 व मगरलोड ब्लाॅक के पांच गांवों में रहने वाले किसानों को वन ग्राम के चलते कई तरह की दिक्कतें उठानी पड़ती है। खेती-किसानी लोन, समर्थन मूल्य पर धान बेचने समेत सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इन गांवों के ग्रामीणों को काफी माथापच्ची करना पड़ता है। राजस्व ग्राम नहीं बनाने के कारण गांवों का पर्याप्त विकास नहीं हो पा रहा है। निर्माण और विकास कार्य पिछड़ा हुआ है। समय रहते यदि शासन इनके गांवों को वन ग्राम से राजस्व ग्राम नहीं बनाते हैं, तो ग्रामीणों ने आंदोलन करने की चेतावनी शासन-प्रशासन को दिए है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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