जगदलपुर: बारिश नहीं होने से बस्तर के जलाशय सूखने की कगार पर
![जगदलपुर: बारिश नहीं होने से बस्तर के जलाशय सूखने की कगार पर](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/6ab70aacc373aa56631a8b06152a679f.jpg)
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जगदलपुर, 11 जून (हि.स.)। दक्षिण बस्तर के सुकमा से मानसून के प्रवेश करने की घोषणा मौसम विभाग ने शनिवार को ही कर दिया था। लेकिन मानसून का बारिश बस्तर संभाग में नही होने से गर्मी और बदली से उमस बढ़ गया। मौसमी तंत्र के सक्रिय नहीं होने के कारण मानसूनी हवा आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। ऐसे में मानसून का बारिश नहीं हो पाई है। बस्तर में इन दिनों पड़ रही गर्मी से जिले के 32 अन्य जलाशयों के हालात बेहद खराब हैं। अधिकांश जलाशयों में पानी पूरी तरह सूख चुका है, वहीं कुछ सूखने की कगार पर है। वहीं कोसारटेडा बांध में 111.49 घनमीटर (एमसीएम) जल भराव की क्षमता है। कोसारटेडा जलाशय पानी का एक बड़ा स्रोत है, जिस पर बस्तर ब्लॉक के 27 से ज्यादा गांव निर्भर हैं। पखवाड़ेभर तक बारिश नहीं होने की स्थिति में यहां का पानी उपयोग किया जाएगा, जिससे जलभराव में लगातार कमी आती चली जाएगी। कोसारटेडा बांध में वर्तमान में केवल 18.79 प्रतिशत पानी ही उपयोग के लायक है। इसमें से महज 11.96 एमसीएम पानी ही उपयोग किया जा सकता है। हालांकि गर्मी में हुई बारिश के चलते बांध में जलभराव हुआ, जिसके कारण ही पानी की समस्या ज्यादा नहीं हुई। ऐसा माना जा रहा है कि अभी यदि पखवाड़ेभर तक बारिश नहीं होती है तो पानी की समस्या शुरू हो जाएगी।
जल संसाधन विभाग के एसडीओ एसएस मांझी ने बताया कि कोसारटेडा जलाशय में वर्तमान में पर्याप्त पानी है, लेकिन अगले पखवाड़ेभर तक बारिश नहीं हुई तो स्थिति खराब हो सकती है। उन्होंने बताया कि यहां 11.96 एमसीएम पानी ही उपयोग के लायक है, जबकि जलभराव 63.69 एमसीएम है। मालूम हो कि दो दिन पहले मानसून सुकमा पहुंच चुका है, लेकिन मौसमी तंत्र के सक्रिय नहीं होने के कारण मानसूनी हवा आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। ऐसे में मानसूनी बारिश नहीं हो पाई है।
उन्होने बतया कि भीषण गर्मी के बावजूद कोसारटेडा बांध में पर्याप्त जलभराव तो हुआ है, लेकिन उपयोग के लायक पानी काफी कम है। इसके अलावा जिले के 32 अन्य जलाशयों के हालात भी बेहद खराब हैं। अधिकांश जलाशयों में पानी पूरी तरह सूख चुका है, वहीं कुछ सूखने की कगार पर है। कोसारटेडा बांध की क्षमता 111.49 एमसीएम की है। वहीं अभी यहां 63.69 एमसीएम जलभराव है जो 57.12 प्रतिशत ही है। इसमें से उपयोगी जल केवल 11.96 एमसीएम है। यानि केवल इतना ही पानी उपयोग किया जा सकता है, जबकि बाकी 51.73 एमसीएम पानी किसी भी उपयोग के लायक नहीं है। इस साल जलभराव की स्थिति पिछले दो सालों की अपेक्षा काफी खराब है। इस साल जहां 10 जून को कोसारटेडा जलाशय में 11.96 एमसीएम पानी ही उपयोग के लायक है। वहीं वर्ष 2023 में 21.33 एमसीएम उपयोगी पानी का भराव था और साल 2022 में भी उपयोगी 21.72 एमसीएम था।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे
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