शासकीयकरण की घोषणा नहीं, काम व कलम बंद कर हड़ताल पर बैठे सचिव



शासकीयकरण की घोषणा नहीं, काम व कलम बंद कर हड़ताल पर बैठे सचिव


धमतरी, 16 मार्च (हि.स.)। परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण की घोषणा नहीं किए जाने से आक्रोशित जिलेभर के पंचायत सचिव ग्राम पंचायतों में काम व कलम बंद कर हड़ताल पर बैठ गए है। हड़ताल से पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। जरूरतमंद ग्रामीणों के कई कार्य नहीं होने से उनकी परेशानियां बढ़ गई है। इधर पंचायत सचिव अपनी मांगे शीघ्र पूरा करने धरना स्थल पर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर 16 मार्च से जिलेभर के 370 ग्राम पंचायतों में पदस्थ करीब 315 पंचायत सचिव धमतरी, नगरी, मगरलोड और कुरूद ब्लाक में अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। सचिव अपनी मांगे पूरी कराने ग्राम पंचायतों के काम व कलम बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। धमतरी ब्लाक के सचिव शहर के गांधी चौक पर बैनर-पोस्टर लगाकर हड़ताल पर बैठे हुए है। एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण करने की मांग कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा लंबे समय से मांगे पूरी नहीं करने से सचिवों में काफी आक्रोश है। धमतरी ब्लाक के पंचायत सचिव संघ अध्यक्ष श्यामलाल विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष महिला श्वेता गुप्ता, चुन्नीलाल साहू, सुभाष कुमार साहू, रामस्वरूप साहू, घनश्याम साहू आदि ने कहा कि जब तक शासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक वे ग्राम पंचायतों के सभी कार्याें का बहिष्कार कर हड़ताल प डटे रहेंगे। एक भी काम व कलम नहीं चलाएंगे। ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों को बजट सत्र 2023-24 में शासकीयकरण करने पंचायत मंत्री ने आश्वासन दिया था, लेकिन बजट में पंचायत सचिवों का शासकीयकरण के संबंध में कोई पहल नहीं होने से उनमें आक्रोश है। 15 मार्च तक घोषणा करने सचिवों ने शासन को चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर नहीं है, ऐसे में सचिव अपनी मांगे पूरा कराने हड़ताल पर बैठ गए है। इसी तरह कुरूद, नगरी और मगरलोड ब्लाक के सचिव भी अपने-अपने ब्लाकों में हड़ताल पर बैठे हुए है।

पंचायतों में काम-काज ठप

ग्राम पंचायतों में सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से कई कामकाज ठप है। हड़ताली सचिवों ने बताया कि उनके हड़ताल प चले जाने से ग्राम पंचायतों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी पूरी तरह से बंद है, जो राज्य शासन के महत्वकांक्षी योजना है। वहीं पंचायतों में पेंशन, मनरेगा, राशन कार्ड बनाने का काम, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत कई कार्य बंद है। इन कार्याें के नहीं होने से अब ग्रामीणों की दिक्कतें शुरू हो गई है। सचिवों ने शासन को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक हड़ताल पर डटे रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

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