रायपुर: एनआईटी रायपुर और सिपेट चेन्नई ने किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

रायपुर: एनआईटी रायपुर और सिपेट चेन्नई ने किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
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रायपुर: एनआईटी रायपुर और सिपेट चेन्नई ने किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर


रायपुर , 29 दिसंबर (हि.स.)। सहयोग और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर और सिपेट,चेन्नई ने आज शुक्रवार 29 दिसंबर को डॉ. एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर और डॉ. शिशिर सिन्हा, महानिदेशक, सिपेट, चेन्नई की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रो. कमल किशोर पंत (निदेशक, आईआईटी रूड़की), डॉ. आलोक साहू, निदेशक, सिपेट, रायपुर, डॉ. श्रीश वर्मा, डीन (अकादमिक), डॉ. राजेश के. त्रिपाठी, डीन (योजना एवं विकास), डॉ. प्रभात दीवान, डीन (अनुसंधान एवं परामर्श), और डॉ. देवाशीष सान्याल, डीन (संकाय कल्याण) और दोनों ही संस्थानों के एमओयू नोडल अधिकारी और संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य एनआईटी., रायपुर और सिपेट चेन्नई के बीच आपसी सहयोग स्थापित करना है, साथ ही दोनों संस्थानों के हितधारकों के लिए उनके संसाधनों और उन्नत तकनीकों के उपयोग के अवसर प्रदान करना है। अपनी बौद्धिक क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य उद्योग जगत की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त शिक्षण और उचित कौशल प्रणाली विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

एमओयू की शर्तों के तहत, दोनों संस्थान बौद्धिक संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपनी महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं को साझा करने पर सहमत हुए हैं। दोनो संस्थान संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के अवसर तलाशेंगे और उनके लिए फंडिंग की तलाश करेंगे। दोनो संस्थान छात्रों को उद्योग जगत के लिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देने में सक्रिय रूप से संलग्न रहेंगे। छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के लिए संस्थानों द्वारा आवश्यक समर्थन और सहायता भी प्रदान की जाएगी। दोनों संस्थानों में आपसी हित और उपलब्ध विशेषज्ञता के आधार पर अल्पकालिक पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों जैसी संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियां तैयार की जाएंगी।

यह समझौता 3 वर्षों के लिए किया गया है और इसे दोनों पक्षों की आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग सहयोग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह रणनीतिक साझेदारी निस्संदेह दोनों संस्थानों की वृद्धि और विकास में योगदान देगी और छात्रों, संकाय सदस्यों और उद्योग को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ गेवेन्द्र

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