अबूझमाड़ मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों की पहचान 40 लाख के इनामी पीएलजीए सदस्य
तीन नक्सली गिरफ्तार, जिसमें दो घायल होने से अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती करवाया
जगदलपुर, 4 जुलाई (हि.स.)। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने आज गुरुवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि नक्सलियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बल द्वारा विगत दिनों में बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत हुई विभिन्न मुठभेड़ों के दौरान अब तक कुल 136 माओवादियों के शव बरामद किया गया। दो जुलाई मंगलवार को हुई अबूझमाढ़ मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों की पहचान पीएलजीए कम्पनी नम्बर 1 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य के रूप में हुई है।
जिसमें राकेश उम्र 35 वर्ष पद पीएलजीए कम्पनी नम्बर01 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य, ईनामी 8 लाख, कोंडा तोगड़ा उम्र लगभग 30-35 वर्ष पद- पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य,ईनामी- 8 लाख, एडमा वड्डे उम्र 40 वर्ष पद पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य, ईनामी 8 लाख, कमलू वड्डे उम 40 वर्ष पद पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य, इनामी 8 लाख, फरसा तुमड़ा उम्र 30 वर्ष पीएलजीए कम्पनी नम्बर 01 सीसी सुरक्षा टीम सदस्य, इनामी- 8 लाख के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि नक्सल अभियान के दौरान माओवादियों के द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से 02 आईईडी ब्लाॅस्ट किया गया और एम्बुश लगाकर सुरक्षा बलों को जान से मारने की नीयत से फायरिंग की गई, जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों द्वारा घेराबंदी कर तीन नक्सलियों गोर्रा वड्डे निवासी घमंडी, बुद्धू कुमड़ा निवासी घमंडी एवं कोसा निवासी घमंडी को हिरासत में लिया गया, जिसमें दो घायल होने से अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया उपचार जारी है।
उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर केएल. ध्रुव एवं पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार द्वारा बताया गया कि इस अभियान के उपरांत नक्सलियों के गढ़ रहे माड़ डिवीजन के माआवेदियों में भय व्याप्त है। उन्होने बताया कि माड़ क्षेत्र को नक्सली शीर्ष नेतृत्व अपना सुरक्षित ठिकाना मानते है। नक्सली नेतृत्व इस अभियान के उपरांत ग्रामीणों एवं अपने निचले कैडर को दोषारोपण कर रहे हैं। माड़ डिवीजन में नक्सलियों के अटैकिंग फोर्स के स्तम्भ रहे माड़ डिवीजन माओवादियों के ऊपर यह अब तक विगत ढेड़ माह के अन्दर तीसरा कड़ा प्रहार है। उन्होंने बताया कि दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें चरमपंथी सिद्धांतों के आकर्षण से निकलना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं। उन्होंने कहा कि हम अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़े और हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का पूर्णतः त्याग व विरोध करें।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि अबूझमाड़ से नक्सलवाद का सफाया करने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस के द्वारा पिछले चार महीने से माड़ बचाओ अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में 30 जून को जिला नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में माड़ डिवीजन के सचिव रनिता उर्फ जयमती, सीसीएम सोनू , सीसीएम कोसा, अरुण, राधिका, अरब, सुखलाल व कम्पनी नम्बर 01 एवं अन्य नक्सली कैडरों की उपस्थिति की आसूचना पर नारायणपुर डीआरजी, दंतेवाडा डीआरजी, जगदलुपर डीआरजी, कोण्डागांव डीआरजी, एसटीएफ बघेरा तथा आईटीबीपी 53वीं वाहिनी एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी का संयुक्त बल अभियान हेतु ग्राम जटवर, हिकुलनार, घमंडी इलाके में रवाना किया गया था। अभियान के दौरान दो जुलाई मंगलवार सुबह हुई शुरू हुई मुठभेड़ देर शाम तक जारी रही। इस मुठभेड़ में अलग-अलग स्थानों से कुल 05 पुरुष माओवादी का शव तथा शव के पास से एक .303 रायफल, दो 315 बोर रायफल, दो मजल लोडिंग रायफल, एक बीजीएल लांचर, बीजीएल सेल छह एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ। घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिये जिससे प्रतीत होता है कि इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य माआवेदियों के घायल अथवा मारे जाने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे
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