मुरूमसिल्ली बांध लबालब, एशिया का पहला सायफन सिस्टम खुला

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मुरूमसिल्ली बांध लबालब, एशिया का पहला सायफन सिस्टम खुला


मुरूमसिल्ली बांध लबालब, एशिया का पहला सायफन सिस्टम खुला


धमतरी, 9 सितंबर (हि.स.)।दो दिनों से लगातार रूक-रूककर हो रही वर्षा से वनांचल के नदी-नाले ऊफान पर हैं। सीतानदी में बाढ़ की स्थिति कभी भी निर्मित हो रही है। इधर मुरूमसिल्ली बांध में पानी की आवक बढ़ने के साथ बांध लबालब हो चुका है। बांध में 100 प्रतिशत पानी भरने के बाद मुरूमसिल्ली में निर्मित एशिया का पहला सायफन सिस्टम खुल गया है और यहां के हेड रेगुलेटर व साइफन से 9846 क्यूसेक पानी बहकर गंगरेल बांध पहुंच रहा है, इससे अब गंगरेल बांध के जलभराव भी बढ़ने लगा है।

लंबे समय बाद शाम को साढ़े तीन बजे के बाद अचानक मौसम में बदलाव हुआ और कड़कड़ाती बिजली, तेज गर्जना के साथ झमाझम बारिश हुई। वर्षा से सड़कों व गलियों में पानी भर गया। लोग वर्षा में फंसे रहे। शाम को साढ़े पांच बजे वर्षा थमी, तो आवाजाही फिर शुरू हुई, लेकिन थोड़ी देर बाद पुन: तेज गर्जना के साथ घंटों वर्षा हुई। नगरी ब्लाक के वनांचल क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से अच्छी वर्षा हो रही है। इससे क्षेत्र के बांधों में पानी की आवक बनी हुई है।

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नौ सितंबर को मुरूमसिल्ली बांध में 13265 क्यूसेक पानी की आवक होने के साथ बांध में लबालब पानी भर गया। बांध का जलभराव 5.839 टीएमसी होने के बाद 100 प्रतिशत पानी भरते ही एशिया का पहला सायफन सिस्टम मुरूमसिल्ली बांध के सभी 28 सायफन गेट खुलने के साथ पानी निकासी शुरू हो गया। सुबह बांध के हेड रेगुलेटर व सायफन गेट से 9846 क्यूसेक पानी निकासी हो रहा था, जो सीधे गंगरेल बांध में पहुंच रहा था। शाम को मुरूमसिल्ली बांध में 9450 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी और बांध से 6750 क्यूसेक पानी की निकासी बनी हुई थी। सायफन गेट से 4750 क्यूसेक पानी और हेड रेगुलेटर से 2000 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही थी। सभी सायफन गेट खुलने के बाद मुरूमसिल्ली बांध का नजारा इन दिनों आकर्षक हो चुका है। सायफन खुलने की जानकारी मिलते ही इस बांध को देखने सैलानियों की भीड़ पहुंचना शुरू हो चुका है, क्योंकि मुरूमसिल्ली बांध का सायफन खुलने सैलानियों को इंतजार रहता है।

गंगरेल बांध में 13299 क्यूसेक पानी की आवक बनी

वनांचल क्षेत्रों में हुई अच्छी बारिश के बाद मुरूमसिल्ली बांध लबालब होते ही सभी सायफन गेट खुलते ही गंगरेल बांध में पानी की आवक बढ़ गई है। यहां 13299 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। वहीं बांध से 7303 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। लगातार गंगरेल बांध में पानी की आवक होने से बांध 70 प्रतिशत भरने के साथ यहां 23 टीएमसी से अधिक जलभराव हो चुका है। इसी तरह दुधावा बांध में भी 97.52 टीएमसी पानी भरने के साथ बांध लबालब हो गया है। यहां से 16000 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है जबकि बांध में 13593 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। इसी तरह सोंढूर बांध का जलभराव 74.76 प्रतिशत हो चुका है। यहां से 2668 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

धमतरी जिले में हुई 885.4 मिमी औसत वर्षा

भू अभिलेख शाखा धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार जिले में एक जून से अब तक 885.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। धमतरी तहसील में 818.3 मिमी, कुरूद तहसील में 775.1 मिमी, मगरलोड में 678.0 मिमी, नगरी तहसील में सबसे अधिक 1178.4 मिमी वर्षा हुई है। इसी तरह भखारा तहसील में 649.5 मिमी, कुकरेल में 929.6 मिमी और बेलरगांव तहसील में 1168 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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