छत्तीसगढ़ : महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
रायपुर, 8 मार्च (हि.स.)। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर राजधानी रायपुर के अलग-अलग शिवालयों पर भक्तों की भीड़ में दर्शन करने के लिए पहुँच रही है ।सुबह से ही भक्तों में काफ़ी ज़्यादा उत्साह देखा जा रहा है।लोग अपने सुख शांति समृद्धि की प्रार्थना भी लगातार कर रहे हैं। सबसे बड़े शिवलिंग गरियाबंद जिला में स्थित भूतेश्वर मंदिर, रायपुर के बूढ़ेश्वर मंदिर, हटकेश्वर मंदिर के साथ सभी शिवालय में महाशिवरात्रि की तैयारियां हो गई हैं। महाशिवरात्रि पर शिवालय सज चुके हैं। आज महाशिवरात्रि पर सुबह से जलाभिषेक करने श्रद्धालु पहुँच रहे हैं।
दोपहर को शिवलिंग का मनमोहक श्रृंगार और रात्रि में भस्म आरती की जाएगी। सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर भोलेनाथ की बरात निकाली गई। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल हुए।बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार से 6.30 बजे पंचामृत अभिषेक व भस्म आरती के साथ महाशिवरात्रि की शुरुआत हुई। सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि पर आज भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल होंगे।
बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में बाबा बूढ़ेश्वरनाथ चंद्रशेखर स्वरूप धारण कर विवाह रचाएंगे। मंदिर को वैवाहिक स्थल का रूप देकर मंडप सजाया गया है। पुष्टिकर समाज के मुख्य ट्रस्टी चंद्र प्रकाश व्यास ने बताया कि बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर 400 वर्ष प्राचीन है। स्वयंभू शिवलिंग है, भगवान भोलेनाथ की बारात का दृश्य मंदिर के बाहर स्थल में देखने को मिलेगा। गर्भ गृह को वैवाहिक वेदी का स्वरूप दिया जा रहा है, जहां पर भगवान शिव पार्वती विवाह के फेरे लेते हुए नजर आएंगे। देवतागण पुष्प वर्षा करते दिखेंगे। प्रबंधक ट्रस्टी विजयलक्ष्मी बोहरा ने बताया कि प्रात: 4.45 बजे भस्म आरती, पंचामृत अभिषेक की गई। सात बजे से आम भक्तगण जलाभिषेक कर रहे हैं। दोपहर 12 बजे भगवान भोलेनाथ को राजभोग अर्पित करेंगे। शाम चार बजे से भगवान भोलेनाथ के चंद्रशेखर स्वरूप के दर्शन प्रारंभ होंगे। रात्रि 12 बजे से महानिशा पूजा की जाएगी।
देवबलौदा में भगवान शिव जी के प्राचीन मंदिर में शिवभक्तों की उमड़ रही भीड़
दुर्ग जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम देवबलौदा में भगवान शिव जी के प्राचीन मंदिर में शिवरात्रि पर शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह 3 बजे से शिवभक्त दर्शन के लिए कतार में लगे हैं।यहां पर पिछले दो दिनों से देव बलोदा महोत्सव भी चल रहा है। साथ ही भक्तों की सेवा के लिए कई समितियां सेवा में लगी है। कलचुरी काल में बने इस मंदिर को छह मासी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। रहस्यों से भरे इस मंदिर से जुड़ी कई किवदंतियां हैं। ग्रामीणों की मानें तो राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन पुरात्तव विभाग इसे 13 शताब्दी का कल्चुरी कालीन मंदिर बताता है।
पूर्वमुखी यह मंदिर लाल बलुवा पत्थरों से बना है। पत्थरों को चूना, गुड व अन्य सामग्रियों के मिश्रण से जोड़ा गया है। इसके हर पत्थर में देवी दुर्गा, काली, गणेश जी और हाथी, घोड़े के अलावा कई पौराणिक कलाकृतियां उकेरी गई हैं। यहां आने वाले लोग बताते हैं कि किसी काल खंड में छह महीने तक रात और दिन हुए थे। उसी दौरान एक शिल्पकार ने छह महीने की रात में ही इस मंदिर का निर्माण किया था। इसी वजह से इसे छहमासी मंदिर कहा जाता है। गांव के बुजुर्गो और दंतकथा के अनुसार कारीगर की पत्नी रोज खाना लेकर आती थी। एक दिन पत्नी के बदले उनकी बहन खाना लेकर आई। उस वक्त कारीगर नग्न अवस्था में मंदिर का निर्माण कर रहा था। खाना लाते अपनी बहन को देखकर वह शर्मसार हो गया और मंदिर के निकट स्थित कुंड में कूद गया।
इस घटना के बाद उनकी बहन भी मंदिर के पीछे स्थित तालाब में कूद गई। इस वजह से मंदिर के ऊपर गुम्बद का निर्माण नहीं हो पाया। इस प्राचीन मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि कोई भी मनोकामना छह महीने में पूरी हो जाती है। कुछ सालों में यहां शिवभक्तों की भीड़ काफी बढ़ गई है। पिछले कई वर्षों से नगर निगम भी यहां पर शिवरात्रि को एक महोत्सव के रूप में मनाता रहा है इसलिए दो दिनों से यहां पर चल रहे देवबलौदा महोत्सव में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं।राजिम में महाशिवरात्रि के अवसर पर आज कुलेश्वरनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। राजिम कुंभ कल्प में साधु संतों ने भव्य शोभायात्रा निकाली।
देशभर से साधु संत राजिम कुंभ कल्प पहुंचे
देशभर से साधु संत छत्तीसगढ़ के गिरयाबंद जिला के राजिम कुंभ कल्प पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में विदेश से भी पर्यटक पहुंचे हैं। महाशविरात्रि पर शोभायात्रा के दौरान नागा साधुओं ने शौर्य प्रदर्शन किया। विशाल शोभायात्रा को देखने लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं।
बनारस की तर्ज पर धमतरी में शानदार पांचवें वर्ष भी शिवजी की बारात निकाली गई। विभिन्न राज्यों से पहुंचे कलाकारों ने इस बारात में शामिल होकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। खासकर अघोरी बाबा का ग्रुप लोगो के बीच आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा नागा साधु, किन्नर और बस्तर के कलाकार भी शिवजी की बारात में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बस्तर का पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।