धमतरी :धान खरीद से पहले सहकारी समितियों में तालाबंदी, किसानों की बढ़ी चिंता
धमतरी, 4 नवंबर (हि.स.)। धान खरीद शुरू होने से पहले ही जिले की सभी 74 सहकारी समितियों में तालाबंदी की स्थिति बन गई है। सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ और छत्तीसगढ़ संविदा कंप्यूटर आपरेटर महासंघ के बैनर तले कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आंदोलन के कारण राशन दुकानें भी बंद हो गई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में असुविधा बढ़ गई है।
कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मजबूरन अब उन्होंने अंतिम चरण में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। रायपुर और धमतरी में धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने पर वे महासमुंद में एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल के चलते समितियों में तालाबंदी है और कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं। इधर, धान खरीद शुरू होने में मात्र 18 दिन शेष हैं। आंदोलन जारी रहने की स्थिति में खरीद समय पर शुरू होना मुश्किल नजर आ रहा है। समितियों में अब तक लगभग 15 से 28 प्रतिशत किसानों का पंजीयन शेष है। किसान तहसील और समितियों के चक्कर लगाकर परेशान हैं, जबकि पंजीयन की अंतिम तिथि 10 नवंबर है। अगर हड़ताल जल्द समाप्त नहीं हुई तो कई किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाएंगे। किसान अब टोकन के इंतजार में हैं, लेकिन पोर्टल पर टोकन जारी करने का विकल्प ही नहीं खुला है।
कर्मचारियों के आंदोलन पर चले जाने से अब सिर्फ आनलाइन टोकन का विकल्प बचा है, जो अभी उपलब्ध नहीं है। मालूम हो कि कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं जिनमें धान खरीद वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 की संपूर्ण सूखत राशि मान्य समितियों को देने, खरीद के बाद हर सप्ताह पूरा धान उठाव सुनिश्चित श्चित करने, आउटसोर्सिंग से कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों को नियमित करने और प्रत्येक समिति को तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान प्रदान करने की मांग शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उधर किसानों की चिंताएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

