झीरम घाटी नरसंहारः मुख्यमंत्री ने केंद्र पर लगाया एफआईआर से खूंखार नक्सलियों के नाम हटाने का आरोप

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झीरम घाटी नरसंहारः मुख्यमंत्री ने केंद्र पर लगाया एफआईआर से खूंखार नक्सलियों के नाम हटाने का आरोप


झीरम घाटी नरसंहारः मुख्यमंत्री ने केंद्र पर लगाया एफआईआर से खूंखार नक्सलियों के नाम हटाने का आरोप


- कांग्रेस कार्यकर्ताओं के परिजनों का भावनात्मक शोषण कर रहे हैं भूपेश बघेल: अजय चंद्राकर

रायपुर, 25 मई (हि.स.)। गुरुवार को जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी नरसंहार को लेकर केन्द्र सरकार पर एफआईआर से खूंखार नक्सलियों के नाम हटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विषय बहुत गंभीर है लेकिन जिस हल्के ढंग से बीजेपी इस पर सवाल कर रही है वो दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि कि नक्सलियों का काम दहशत फैलाना नहीं था बल्कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को रोकना था। यह पूरा राजनीतिक षड्यंत्र था। मुकेश गुप्ता को नोडल अधिकारी बनाया गया था लेकिन कोई भी एनआईको सहयोग नहीं कर रहा था।

बघेल ने कहा कि बलिदानियों के परिवार की आंखें मुझसे पूछ रही हैं कि हमें न्याय कब मिलेगा। केंद्र सरकार जांच को टालना चाह रही है। आरोपितों को बचाने की कोशिश की जा रही है। नक्सली रमन्ना और गणपति का नाम प्राथमिकी से किसके कहने पर हटाया गया? आखिर क्यों इन्हें बचाया जा रहा है। यदि ये लोग पकड़े जाते तो सच्चाई सामने आती। पता चलता इस हमले के पीछे आखिर किसका हाथ है?

भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कि झीरम घाटी नरसंहार मामला राजनीतिक स्वार्थ-साधन का विषय नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक विषय बनाकर रख दिया है। श्री बघेल अपनी ही पार्टी के शहीद नेताओं की शहादत और उनके परिजनों भावनाओं का अपमान और दोहन कर रहे हैं।

भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्री चंद्राकर ने कहा कि झीरम घाटी का नरसंहार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय नहीं है। मुख्यमंत्री बघेल जब विपक्ष में थे तो हमेशा कहा करते थे कि 'झीरम के सबूत मेरी जेब में हैं।' उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी कवासी लखमा इस जघन्य नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी हैं।

श्री चंद्राकर ने कहा कि किसी के न्यायालय जाने, किसी एजेंसी के जांच नहीं करने, सीबीआई से लेकर न्यायिक जांच आयोग, एनआईए, एसआईटी से यदि किसी परिणाम तक नहीं पहुंचा जा रहा है तो मुख्यमंत्री बघेल को झीरम घाटी की जांच के लिए अलग कानून उसी तरह बना लेना था।जैसे चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए कांग्रेस सरकार ने कानून बनाया था। इस प्रकार झीरम के शहीद नेताओं के परिजनों को त्वरित न्याय दिलवाना था।

भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री चंद्राकर ने इस बात पर गहरा अफसोस जाहिर किया है कि बलिदानियों के सम्मान और उनके परिजनों को इंसाफ दिलाने के विषय को राजनीतिक बनाकर मुख्यमंत्री बघेल अपनी ही पार्टी के शहीदों के परिजनों का भावनात्मक शोषण कर रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को गुमराह करने राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

श्री चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के पास सारे सबूत हैं, उनके एक मंत्री घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, किसी भी एजेंसी और संघीय सरकार पर यदि उन्हें भरोसा नहीं है तो वह नया कानून विधानसभा में ले आयें और निश्चित अवधि में झीरम घटना की जांच करवाएं ।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा/प्रभात

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