मां की अनोखी भक्ति : ईश्वरी चौहान कील पर लेटकर पेट पर जला रही मनोकामना ज्योति कलश, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

मां की अनोखी भक्ति : ईश्वरी चौहान कील पर लेटकर पेट पर जला रही मनोकामना ज्योति कलश, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
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मां की अनोखी भक्ति : ईश्वरी चौहान कील पर लेटकर पेट पर जला रही मनोकामना ज्योति कलश, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब






















कोरबा, 16 अप्रैल (हि.स.)। आदि शक्ति की 9 दिन तक चलने वाली भक्ति के पर्व नवरात्र पर्व पर माँ की भक्ति की अटूट श्रद्धा का उदाहरण पाली विकासखंड के ग्राम नेवसा में नजर आ रहा है। 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व पर एक संकल्प के साथ निर्जल व्रत रहकर नेवसा निवासी 33 वर्षीय ईश्वरीय चौहान द्वारा लकड़ी के पटरा पर कील ठोकर पीठ के बल लेटकर पेट में जलते हुए मनोकामना ज्योति कलश को रखी हुई हैं। आमतौर पर पेट पर जलते मनोकामना ज्योति कलश रखने वाला भक्ति का स्वरूप दिखा है, किंतु खिले पर लेटकर पेट में ज्योतिकलश रखकर भक्ति का ऐसा स्वरूप कभी कभार ही दिखा है।

इस संबंध में ईश्वरीय चौहान पति छोटेलाल चौहान ने बताया कि एक वर्ष पूर्व से सपने में छोटी बच्ची दिखाई पड़ रही थी, जो पूजा करने के लिए प्रेरित कर रही थी. इसकी जानकारी वे अपने पति को दी और पूजा पाठ करने की बात कही। फिर क्वांर नवरात्रि से पूजा-पाठ करने की इच्छा बढ़ गई, तब पुनः एक सफेद साड़ी में एक महिला आकर रूद्राक्ष की माला से जोर- जोर आवाज से जाप करने लगी और कील का बिछावन दिखा, जब सुबह उठी तो वह मंत्र व सपना पूरी तरह याद रहा। इस सपना की सारी बात वे पति को बताई और कील ठोककर बाजवट तैयार किया गया तथा तीन माह से रुद्राक्ष माला एवं सपने में सुने मंत्र को जपने लगी। पूरे नौ दिनों तक अन्न जल फल न खाने न पीने का प्रण लिया। नोकिले कील पर सोने पर भी उसे साधारण बिस्तर पर लेटी हूं जैसे लग रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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