राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : राज्यपाल हरिचंदन

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राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : राज्यपाल हरिचंदन


राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : राज्यपाल हरिचंदन


रायपुर, 7 मार्च (हि.स.) । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन गुरुवार को जे. योगान्दनम् छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसमें मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग और छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘‘समावेशन‘‘ में राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हम सभी के लिए एक महान दिन है जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करने के लिए उत्प्रेरित करता है। हम सभी को एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने की आवश्यकता है जहां सभी महिलाएं सशक्त हों ।

राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए, उन्हें सभी क्षेत्रों में संसाधन, अवसर प्रदान करना और निर्णय लेने की शक्ति तथा क्षमता निर्माण हेतु समान अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण, कानून सुधार और महिलाओं और बच्चों के लिए उत्थान योजनाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संविधान, महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को शामिल करके लैंगिक समानता प्राप्त करने की आशा पैदा करता है। हमारा संविधान महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है और लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकता है। राज्यपाल ने भारत में लैंगिक न्याय प्रदान करने वाले संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी भी दी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को प्राथमिकता दी है और महिलाओं की भागीदारी में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कार्य किए जा रहे है। अम्ब्रेला योजना के रूप में एक एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति‘ शुरू किया गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी उल्लेख किया।

राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान को रेखांकित किया और कहा कि तीजन बाई, बुधरी ताती, केशकुंवर पनिका, अमिता श्रीवास, लक्ष्मी करियारे, सबा अंजुम करीम, फूलबासन यादव और अन्य महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत योगदान दिया है और छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक ने की। उन्होंने भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त महिला अधिकार और उन पर बने कानूनों पर प्रकाश डाला और महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के बढ़ते दौर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभिताभ बैनर्जी ने भी अपने विचार रखे। विधि विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. विनीता अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर परउ महाविद्यालय में निबंध, वाद-विवाद, स्लोगन, पोस्टर, क्विज, फैशनशो, रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। राज्यपाल के हाथों विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया।

इस अवसर पर मानवाधिकार आयोग की संयुक्त सचिव शुभ्रा पचौरी, उप सचिव श्याम कुमार साहू सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ गेवेन्द्र

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