रायगढ़ : चिराईपानी स्कूल में मासूम छात्र की अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, युवती ने कबूला गुनाह

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रायगढ़ : चिराईपानी स्कूल में मासूम छात्र की अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, युवती ने कबूला गुनाह


रायगढ़ : चिराईपानी स्कूल में मासूम छात्र की अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, युवती ने कबूला गुनाह


बदले की आग में बड़ी बहन ने की चचेरे भाई की जघन्य हत्या

रायगढ़, 27 मई (हि.स.) । जिला मुख्यालय से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर ग्राम चिराईपानी स्थित बन्द शासकीय स्कूल के कमरे में कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले प्रीतम चौहान पिता स्व. हीरालाल (11 वर्ष) की खून से लथपथ लाश मिलने के हृदय विदारक घटना में पुलिस को आखिरकार सफलता मिल ही गई है। चिराईपानी के सरकारी स्कूल में मासूम छात्र की लाश बरामद होने की गुत्थी सुलझ गई है। कातिल कोई और नहीं, बल्कि मृतक की बड़ी बहन ही निकली।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थाना कोतरा रोड निकिता तिवारी ने शनिवार को खुलासा करते हुए बताया कि घर से 10 हजार रुपये चोरी होने पर परिजन युवती को चोरनी समझने लगे। प्रतिशोध की आग में झुलसने वाली युवती ने चचेरे भाई को ही सजा-ए-मौत दे दी। आरोपित युवती ने निर्दयता से अपने चचेरे भाई की गर्दन को पांव से दबाते हुए गुप्तीनुमा हथियार से प्रहार कर जान ले ली। वर्दीधारियों की सख्त पूछताछ के आगे घुटने टेकने वाली युवती ने इकबाल-ए-जुर्म भी कर लिया है।

उन्होंने कहा कि मृतक के बड़े पिता की बेटी यानी बड़ी बहन भारती उर्फ उमा चौहान (19 वर्ष) की गतिविधियों पर पुलिस को तब आशंका हुई, जब कुछ लोगों ने प्रीतम के साथ उसे आखरी बार देखा था और घटना स्थल को सूंघते हुए पुलिस डॉग जब उसके पास जाकर ही रुक गई। ऐसे में शक की बिनाह पर वर्दीधारियों ने भारती को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह खुद को पाक-साफ बताते हुए गोलमटोल जवाब देने लगी, पर सख्ती बरतने पर टूटकर उसने जो कुछ राज खोल दिया।

दरअसल, प्रीतम के घर से पिछले महीने 10 हजार की चोरी हुई तो चाची और घरवाले भारती पर शक करते हुए उसे चोरनी समझते थे। चूंकि, भारती चोरनी के आरोप से मानसिक रूप से काफी परेशान थी, इसलिए उसने अपने चाची परिवार से बदला लेने की योजना बनाई। प्रीतम बुधवार शाम जब घर से खेलने के लिए निकला तो भारती उसे बहला फुसलाकर स्कूल ले गई और कमरे के भीतर खूनी वारदात को अंजाम दिया। स्कूल कमरे के अंदर भारती ने प्रीतम को जमीन में पटका और उसके गले को अपने पैरों से बलपूर्वक दबाए रखा। इतने में भी मन नहीं भरने पर तमतमाई भारती ने लोहे के गुप्तीनुमा हथियार से प्रीतम पर कातिलाना हमला कर उसे मौत की नींद सुलाने के बाद चुपचाप घर चली गई।

हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान

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