बाजार में रौनक, रंग-गुलाल खरीदने बाजार पहुंच रहे लोग

धमतरी, 12 मार्च (हि.स.)। रंगों का त्योहार होली 14 मार्च को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। पर्व को लेकर अब हुलियारा माहौल बनने लगा है। शहर के चौक-चौराहाें में खुली दुकानों में रंग-बिरंगी पिचकारी व रंग गुलाल की बिक्री होने लगी है। वहीं कई संस्थाओं द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन शुरू हो गया। अलग-अलग आयु वर्ग के लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की खुशियां बांटने लगे हैं। होली में सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
रंगोत्सव का उत्साह देखते ही बनता है। इस त्योहार को छोटे बच्चों से लेकर बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। त्योहार को लेकर अब माहौल बनने लगा है। दुकानों में रंग-बिरंगी पिचकारियों की बिक्री हो रही है। शहर के गोल बाजार, मकई चौक, शनि मन्दिर के सामने, मठ मन्दिर चौक, नया बस स्टैंड क्षेत्र, आमापारा, रामबाग क्षेत्र सहित अलग-अलग स्थानों में दुकानदार विभिन्न वैरायटी की पिचकारियां बेच रहे हैं। लाल, नीला, पीला, हरा, गुलाबी सहित विभिन्न रंगों का गुलाल दुकानों में बिक रहा है। सीजनेबल आइटम विक्रेता महेश कुमार देवांगन ने बताया कि होली की तैयारी पखवाड़े भर पहले से शुरू हो गई है। हुलियारा माहौल केवल चार-पांच दिन के भीतर ही बनता है। अब सामान का उठाव होने लगा है। इस बार बच्चों को लुभाने के लिए विभिन्न कार्टून कैरेक्टर जैसे कि मिकी माउस, छोटा भीम, डोरेमोन के आकार की पिचकरियां मंगाई गई हैं। इसके अलावा विभिन्न आकार के हथियारों के आकार की भी पिचकरिया हैं। इसके अलावा फल व अन्य वस्तुओं के आकार की भी पिचकरियां हैं, जो छोटे बच्चों को काफी पसंद आती है।
हर्बल गुलाल की मांग ज्यादा: रासायनिक रंगों के गुलाल की तुलना में प्राकृतिक तरीके से तैयार गुलाल की मांग मार्केट में ज्यादा है। रंग विक्रेता श्यामलाल अंदानी ने बताया कि लोग त्वचा के बचाव को लेकर रासायनिक रंगों की बजाय प्राकृतिक रंग व हर्बल गुलाल की मांग ज्यादा कर रहे हैं। यह गुलाल सामान्य गुलाल की तुलना में कुछ ज्यादा कीमत पर बिकता है। मालूम हो कि धमतरी शहर में राजधानी, रायपुर दुर्ग से सामान की आवक होती है।
होलिका दहन का शुभमुहूर्त रात्रि 11 बजकर 31 मिनट बाद
विप्र विद्वत परिषद धमतरी ने देव पंचांग के अनुसार निर्णय लिया गया है कि 13 मार्च फाल्गुन शुक्ल पक्ष दिन गुरुवार पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का शुभमुहूर्त रात्रि 11 बजकर 31 मिनट बाद होलिका दहन किया जाएगा। दूसरे दिन 14 मार्च को शुक्रवार रंग पर्व वसंतोत्सव धूलिवंदन का त्योहार मनाया जाएगा। होली का त्योहार कई पौराणिक गाथाओं से जुड़ा हुआ है इनमें कामदेव भक्त प्रहलाद और पुतना की कथाएं प्रमुख है। भगवान की भक्ति में शक्ति होता है। यह त्योहार हिंदुओं का बहुत बड़ा त्योहार है। आपसी भाईचारा का त्योहार है। विप्र विद्वत परिषद धमतरी ने अपील में कहा कि उपरोक्त तिथि एवं मुहूर्त पर होलिका दहन करें एवं पवित्र त्योहार को भाईचारे एवं शांतिपूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाएं। परिषद के मीडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत देश में चंद्र ग्रहण दृश्य नहीं इसलिए भारत में अमान्य है ग्रहण को लेकर यजमान भ्रमित न हों।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा