रायपुर : हिन्दू स्वाभिमान जागरण संत धर्मसभा 19 को

रायपुर, 18 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ प्रांत के चारों दिशाओं से हिन्दू स्वाभिमान जागरण एवं सामाजिक समरसता हेतु संत समाज द्वारा 18 फरवरी महाशिवरात्रि से चार पवित्र स्थानों से पदयात्रा पर निकले हैं। पदयात्रा का समापन व धर्मसभा रायपुर रावणभाठा मैदान, टिकरापारा में 19 मार्च को दोपहर तीन बजे से छह बजे तक आयोजित किया गया है। धर्मसभा में देश के काेने-कोने से आए संतों का आशीर्वचन प्राप्त होगा।
विहिप छत्तीसगढ़ प्रांत मंत्री विभूति भूषण पाण्डेय ने शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि, प्रदेश के चार शक्तिपीठ मां दंतेश्वरी दंतेवाड़ा, मां बम्बलेश्वरी पानाबरस मोहला मानपुर से, मां चंद्रहासिनी यात्रा सोधड़ा आश्रम से और मां महामाया यात्रा रामानुजगंज बलरामपुर से 18 फरवरी से शुरू हुई है। यह पदयात्रा 34 जिलों में 4500 किमी की दूरी तय करते हुए 19 मार्च रविवार को रावणभाठा मैदान रायपुर में धर्मसभा का आयोजन के साथ पूर्ण होगी। धर्मसभा में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेषानंद गिरी जूना अखाड़ा हरिद्वार की अध्यक्षता में स्वामी जितेद्रानंद सरस्वती काशी, महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति नवम पीठाधीश्वर युधिष्ठिर लाल, शदाणी दरबार रायपुर, साध्वी डॉ. प्राची आर्या देहरादून, बाल योगेश्वर उमशनाथ उज्जैन व देश के कई अन्य प्रांतों से आए संतों का आशीर्वचन प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि 30 दिनों की इस पदयात्रा में एक हजार ग्रामाें में सभा एवं स्वागत के साथ 500 वंचित एवं उपेक्षित परिवारों में साधु-संताें ने भोजन कर सामाजिक समरसता के प्रति जागरूक किया। इस दौरान संतों द्वारा दो लाख हनुमान चालीसा, दो लाख हनुमान लॉकेट, एक लाख रामचरित मानस एवं भगवत गीता प्रसाद के रूप में वितरण किया। ढाई लाख लोगों ने साप्ताहिक हनुमान चालीसा की मांग, हिन्दू राष्ट्र की मांग व मेरा गांव धर्मांतरण मुक्त गांव का संकल्प लिया। इस दौरान साधु-संतों ने समस्त सनातनी हिन्दू समाज, पंथ व समाज के प्रमुखों और संगठनों से आह्वान किया कि समाज में बढ़ती हुई विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, धर्मांतरण, गौतस्करी, भूमि जिहाद, लव जिहाद एवं धार्मिक सांस्कृतिक आक्रमण आदि समस्याओं के समाधान व जागरण हेतु संतों के नेतृत्व में कदम से कदल मिलाकर चलें।
यात्रा संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि पिछले चार वर्षों में बस्तर जिले में चर्चों की संख्या बढ़ी है। केवल बस्तर जिले में ही 411 चर्च हैं। इस दौरान चर्च में जाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है। हमें अपने हिन्दू समाज में जागरुकता लाना है। पादरी व पास्टर भोलेभाले आदिवासियों को काम व लालच में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। धर्म परिवर्तित लोगों को धर्म के प्रति जागरूक कर घर वापसी का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन केवल जागरुकता से ही रोका जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल
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