छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 215 ट्रांसफर आदेश किये निरस्त

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 215 ट्रांसफर आदेश किये निरस्त
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 215 ट्रांसफर आदेश किये निरस्त


बिलासपुर/रायपुर, 15 मार्च (हि.स.)। हाईकोर्ट में जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने साय सरकार के द्वारा तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख और जनपद पंचायत के सीईओ (ट्रायबल विभाग) के 215 ट्रांसफर आदेश को निरस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान 12 मार्च को सरकारी वकील ने कहा था कि राज्य सरकार अपने आदेश को स्वयं निरस्त कर देगी।आज शुक्रवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने आग्रह किया कि अदालत खुद ही इस आदेश को निरस्त कर दे।इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से अधिवक्ता राकेश झा ने पैरवी की।

राज्य सरकार ने 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र को आधार बनाकर राज्य में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख और जनपद पंचायत सीईओ के 200 से ज्यादा तबादला किये थे। जिसमें नायब तहसीलदार के 79, तहसीलदार के 49, अधीक्षक भू अभिलेख के 5, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख के 59 और जनपद पंचायत सीईओ के 23 अधिकारी शामिल थे।हाईकोर्ट में इस तबादले के विरुद्ध 50 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गयी थी।

दरअसल भारत निर्वाचन आयोग ने 23 फरवरी को कर्मचारियों के तबादले को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें तबादले के संदर्भ में उल्लेख था कि वैसे अधिकारी या कर्मचारी जो एक ही संसदीय क्षेत्र में तीन वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं, उनका तबादला किया जाना है। इसे आधार बनाकर राज्य सरकार ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू अभिलेख,ट्रायबल विभाग के सीईओ के तबादले किये। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले को लेकर 27 फरवरी को एक और निर्देश जारी किया।

राज्य शासन के इस ट्रांसफर आदेश को चुनौती देते हुए प्रशासनिक अफसरों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की। याचिकाकर्ता प्रशासनिक अफसरों ने तर्क दिया है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते 27 फरवरी को लोकसभा चुनाव में कार्यकाल और ट्रांसफर को लेकर नया स्पष्टीकरण दिया है। जिसके मुताबिक लोकसभा चुनाव में तीन साल के कार्यकाल का नियम केवल रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर पर लागू होता है। लेकिन राज्य सरकार ने आयोग के निर्देशों को आधार पर बनाकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक व जनपद पंचायतों के सीईओ का भी ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया है, जिसे निरस्त किया जाना चाहिए।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रतीक शर्मा सहित अन्य वकीलों ने तर्क दिया और आयोग के स्पष्टीकरण के आधार पर तबादला आदेश निरस्त करने की मांग की, वहीं राज्य शासन की तरफ से भी बताया गया कि चुनाव आयोग ने ट्रांसफर को लेकर नया दिशा निर्देश जारी किया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने तबादला आदेश निरस्त कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

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