बलरामपुर जिले में शीतलहर का कहर : सात डिग्री पर सिमटा रामानुजगंज, अलाव बना सहारा

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बलरामपुर जिले में शीतलहर का कहर : सात डिग्री पर सिमटा रामानुजगंज, अलाव बना सहारा


बलरामपुर जिले में शीतलहर का कहर : सात डिग्री पर सिमटा रामानुजगंज, अलाव बना सहारा


बलरामपुर, 28 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में शीतलहर ने जनजीवन को पूरी तरह जकड़ लिया है। बीते रात न्यूनतम तापमान के 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कते ही सुबह और शाम की ठंड असहनीय हो गई है। हालात ऐसे हैं कि आमतौर पर चहल-पहल से गुलजार रहने वाली सड़कें सूनी नजर आ रही हैं और लोग ठंड से बचने के लिए जगह-जगह अलाव तापने को मजबूर हैं।

लगातार बढ़ती ठंड ने रामानुजगंज के जनजीवन की रफ्तार थाम दी है। शीतलहर के प्रभाव से सुबह और शाम के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। बाजार देर से खुल रहे हैं और शाम ढलते ही लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो जा रहे हैं। ठंड का सबसे ज्यादा असर गरीब, मजदूर, रिक्शा चालक और राहगीरों पर पड़ रहा है, जो खुले आसमान के नीचे या सड़कों के किनारे अलाव के सहारे रात काट रहे हैं।

नगर के प्रमुख चौक-चौराहों पर लोग लकड़ी और कचरा जलाकर खुद को ठंड से बचाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। शीतलहर के चलते बुजुर्गों और बच्चों की सेहत को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, खांसी और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है।

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। ऐसे में प्रशासन और समाजसेवी संगठनों से जरूरतमंदों के लिए अलाव, कंबल और अन्य राहत उपायों की मांग उठने लगी है। फिलहाल रामानुजगंज में ठंड ने अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर दिया है और लोग ठिठुरती रातों में बस अलाव की आग से ही राहत तलाशते नजर आ रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय

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