शादी के पहले जन्मकुंडली की तरह ही जेनेटिक कुंडली भी मिलाएं : स्वास्थ्य मंत्री
रायपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज शुक्रवार को आईआईटी भिलाई में आयोजित हेल्थ इनोवेशन केयर इन छत्तीसगढ़ के दूसरे राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
इस कॉन्फ्रेंस में आईआईटी, आईआईएम, एआईआईएमएस, एनआईटी और मल्टी नेशनल कंपनी के पदाधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल तक बेहतर मेडिकल सुविधा कैसे पहुंचे इस पर सकारात्मक चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए सुझाव और तकनीक को लेकर चर्चा हुई जो आने वाले दिनों में राज्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जो इंसान के साथ ताउम्र जुड़ा रहता है , लिहाजा एक बीमारी को ठीक करना हे स्वास्थ्य नहीं है बल्कि व्यक्ति बीमार ही न हो यह ज्यादा आवश्यक है। ऐसी स्थिति लाने की लिए युवा पीढ़ी को शादी से पहले जन्म कुंडली ही नहीं बल्कि जेनेटिक कुंडली भी मिला लेनी चाहिए ताकि सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पूरी तरह से खत्म हो जाए।
जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है और इसका लाभ भी दूरस्थ अंचल के लोगों को मिल रहा है। अंबिकापुर से उदयपुर तक ड्रोन चिकित्सा सेवा और रायपुर के मेकाहारा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत नई तकनीक का ही उदाहरण है।
जायसवाल ने भारत की अग्रणी संस्थाओं से कहा कि वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए तकनीक की खोज करें जिसके लिए राज्य सरकार का हर संभव सहयोग रहेगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कार्य कर रही है जिसमें रायपुर और बिलासपुर में 700 बेड के अस्पताल तथा बस्तर और सरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण की घोषणा शामिल हैं।
कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ धीरेंद्र तिवारी, आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो.डॉ. राजीव प्रकाश , एआईआईएमएस रायपुर के कार्यकारी निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल , एनआईटी रायपुर के निदेशक प्रो. एनवी रमन्ना राव सहित आईआईएम रायपुर और स्टैनफोर्ड बायर्स सेंटर फॉर बायोडिजाइन के पदाधिकारी और आईआईटी भिलाई के रिसर्च स्कॉलर्स उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/गायत्री प्रसाद
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