24 को हलषष्ठी, पूजन के लिए शहर में बिक रहा पसहर चावल
धमतरी, 20 अगस्त (हि.स.)। संतान की दीर्घायु को लेकर रखा जाने वाला पर्व हलषष्ठी (कमरछठ) 24 अगस्त को उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पर्व को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। शहर के चौक-चौराहों में इन दिनों पसहर चावल की बिक्री हो रही है। पिछले साल की तुलना में इसमें 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
संतानों की दीर्घायु की कामना लेकर माताएं कमरछठ पर्व पर कठिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना करेंगी। इस पर्व पर उपवास तोड़कर खास अन्न 'पसहर चावल' का सेवन करेंगी। यह चावल सप्ताहभर पहले बाजार में पहुंच गया है।
शहर के अलग-अलग स्थानों और दुकानों में यह चावल बिक रहा है। लोगों ने इसकी खरीदी भी शुरू कर दी है। इस चावल की खास बात यह है कि यह बिना हल के ही खेतों में पैदा होता है। हलषष्ठी के पर्व पर इस चावल की मांग अधिक होती है। माना जाता है कि इस चावल से ही व्रत तोड़ने का सदियों पुरानी परंपरा है। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है। हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सगरी खोदकर भगवान शंकर एवं गौरी, गणेश को पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी, खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियां अर्पित करती हैं। पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के सहारे उत्पादित अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना उपवास तोड़ेंगी। बाजार में पसहर चावल 20 से 30 रुपये गिलास में बिक रहा है। बताया जाता है कि इसमें भी अलग-अलग किस्म के पसहर चावल है। मोटा और साफ चावल के भाव तय कर दिए गए हैं। माताएं कठिन व्रत रखकर संतानों की लंबी आयु की कामना करेंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा / चन्द्र नारायण शुक्ल
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।