राजाराव पठार में देवी-देवताओं के आगमन से गूँजा परिसर
-वीर मेला का भव्य शुभारंभ
धमतरी, 8 दिसंबर (हि.स.)। राजाराव पठार कर्रेझर में आयोजित ऐतिहासिक वीर मेला का आठ दिसंबर को पारंपरिक विधि-विधानों के साथ भव्य शुभारंभ हुआ। कंकालिन माई और राजाराव बाबा की अगुवाई में डांग, डोली, देव, सिरहा तथा पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ निकली शोभायात्रा ने पूरे मेला परिसर को उत्सवमय बना दिया। सेवा-अर्जी अनुष्ठान के बाद मेला का औपचारिक आरंभ किया गया। दिनभर मेला स्थल सांस्कृतिक धुनों, पारंपरिक रीति-रिवाजों और समुदाय की उत्साहपूर्ण भागीदारी से जीवंत बना रहा।
कार्यक्रम में कोंडागांव की विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी, गोंड महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद नेताम, सोनमणी पोयाम, सुमेर नाग, जिलाध्यक्ष जीवराखन मरई सहित अनेक समाजिक पदाधिकारी शामिल हुए।मेला के दौरान युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते के आतिथ्य में युवा सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने समाज, संस्कृति और वर्तमान चुनौतियों पर अपने विचार रखे।
मुख्य अतिथि लता उसेंडी ने सामाजिक पुरोधाओं को नमन करते हुए कहा कि आदिवासी समाज सभ्यता की जननी है। उन्होंने कहा—
हमारी संस्कृति और परंपरा अनूठी है। सामाजिक समरसता को समझने के लिए आदिवासी जीवन और संस्कृति को समझना जरूरी है। नई पीढ़ी के लिए यह मेला सीखने का महत्वपूर्ण मंच है। वीर सिंह जी की शहादत देश की स्वतंत्रता और संस्कृति की रक्षा का प्रेरक उदाहरण है। आने वाले समय में राजाराव पठार और भी भव्य रूप लेगा।
अकबर राम कोर्राम ने मेला आयोजन की सराहना करते हुए सामाजिक एकता और सांस्कृतिक संरक्षण पर जोर दिया। वहीं युवा प्रभाग के अध्यक्ष सुभाष परते ने युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने और समाज हित में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष यू. आर. गंगराले, पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम, विनोद नागवंशी, प्रवीण ध्रुवे, प्रेमलाल कुंजाम, गेवाराम नेताम, कृष्ण कुमार ठाकुर, बलराम गोटी, कमल नारायण ध्रुव, गौतम कुंजाम, खिलेंद्र पडोटी, ललित कावरे, रामेश्वर मरकाम, बंटी मरकाम, दिग्विजय सिंह ध्रुव, नागेश सलाम, मंजू प्रभाकर, बंसतीबला भेड़िया, उतरा मरकाम, विमला कुरेटी, अनिता ठाकुर, चमेली नेताम, अश्वनी कुंजाम, भागी कोर्राम, हेमंत छेदेया, वेदप्रकाश ध्रुव सहित हजारों की संख्या में आदिवासी एवं अन्य समाज के लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

