सुशासन की रोशनी से संवर रहे हैं जीवन, नेत्रहीन इंद्राणी की राह पहले से हुई आसान

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सुशासन की रोशनी से संवर रहे हैं जीवन, नेत्रहीन इंद्राणी की राह पहले से हुई आसान


रायपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। जब जिंदगी अंधेरे से शुरू होती है, तब हर छोटा सहारा रोशनी की किरण बन जाता है। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है विकास खंड मोहला अंतर्गत ग्राम गुहाटोला की निवासी इंद्राणी निषाद की, जो बचपन से ही नेत्रहीन हैं। 40 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने अपने साहस, धैर्य और आत्मविश्वास के बल पर जीवन की कठिन राहों को पार किया है।

इंद्राणी निषाद सीमित संसाधनों वाले एक साधारण कृषक परिवार से आती हैं। उनका पूरा परिवार खेती-किसानी का कार्य करता है। नेत्रहीन होने के कारण जीवन के हर कदम पर चुनौतियां रही हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी कमजोरी को अपनी पहचान नहीं बनने दिया।

सुशासन सप्ताह 2025 के अंतर्गत आयोजित “प्रशासन गांव की ओर” जिलास्तरीय शिविर ग्राम माडिंग पिंडीग में समाज कल्याण विभाग द्वारा इंद्राणी को ब्लाइंड स्टिक सहायक उपकरण प्रदान किया गया। यह उपकरण उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मान की नई राह खोलने वाला साबित होगा। ब्लाइंड स्टिक प्राप्त करते समय इंद्राणी की आंखों में संतोष और चेहरे पर आत्मविश्वास की झलक साफ दिखाई दी। उन्होंने शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे शिविर जरूरतमंदों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। इंद्राणी की मां ने भी भावुक होकर बताया कि इस सहायता से उनकी बेटी का जीवन अब पहले से अधिक सुरक्षित और सहज हो जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल

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