धमतरी : स्साकस्सी व कबड्डी में दिखा जोश, मड़ाई मेले में ओल्ड इज गोल्ड खेलों की रही धूम

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धमतरी : स्साकस्सी व कबड्डी में दिखा जोश, मड़ाई मेले में ओल्ड इज गोल्ड खेलों की रही धूम


धमतरी, 31 दिसंबर (हि.स.)। ग्रामीण संस्कृति, परंपरा और खेल भावना का अनूठा संगम ग्राम मुजगहन में मड़ाई मेले के अवसर पर देखने को मिला। ग्रामीणों एवं ग्राम पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ओल्ड इज गोल्ड खेलकूद स्पर्धा में महिला, पुरुष, युवा और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

पारंपरिक खेलों को जीवंत रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक ओंकार साहू के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच होमेश्वर साहू ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य धनेश्वरी भूनेश साहू, जनपद सदस्य कीर्तन मीनपाल, पूर्व सरपंच चंद्रशेखर साहू, अघनू राम साहू, उपसरपंच जतिन साहू, नारायण सेन, ओमप्रकाश साहू, मुरली यादव, रिखी राम साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठजन उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि विधायक ओंकार साहू ने कहा कि मड़ाई मेले जैसे पारंपरिक आयोजनों में खेलकूद स्पर्धाएं समाज को जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं। इससे छिपी हुई खेल प्रतिभाएं सामने आती हैं और ग्रामीण संस्कृति को नई ऊर्जा मिलती है।

स्पर्धा के दौरान महिलाओं ने रस्साकस्सी, कबड्डी, मटका फोड़, कुर्सी दौड़ और जलेबी दौड़ में उत्साह के साथ भाग लिया, वहीं पुरुषों ने रस्साकस्सी, गोलाफेंक और कबड्डी में दमखम दिखाया। बुजुर्गों ने भी तेज चाल और कुर्सी दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सभी को प्रेरित किया। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन गायत्री शक्ति पीठ से जुड़े जिला समन्वयक दिलीप कुमार नाग एवं लखन लाल साहू ने किया। इस अवसर पर धनवंतरी नाग, राजकुमार तिवारी, देवेश साहू, जनक नेताम, ईश्वर सेन, डॉ. पूनम साहू, राजेन्द्र नाग, भागवत साहू, आशीष साहू, कृष्णा साहू, शंकर ध्रुव, ओमप्रकाश नाग, बीएल देवांगन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

सालों से हो रहा आयोजन:

सरपंच होमेश्वर साहू, उपसरपंच जतिन साहू एवं वरिष्ठजनों ने बताया कि मड़ाई मेले को यादगार बनाने और गांव की छुपी प्रतिभाओं को आगे लाने के उद्देश्य से यह खेलकूद स्पर्धा वर्षों पूर्व शुरू की गई थी, जो आज भी परंपरा के रूप में जीवित है। इससे गांव में भाईचारा, एकजुटता और आपसी सहयोग की भावना मजबूत होती है। दिनभर खेलों की रौनक के बाद शाम को ग्रामीणों ने मड़ाई मेले का आनंद लिया, वहीं रात्रि में दुर्ग जिले के अनुराग लोक संस्कृति द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समां बांध दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

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